लोकसभा चुनाव : राहुल के गढ़ अमेठी में इस बार कड़ा मुक़ाबला, BJP ने सिर्फ़ एक बार जीती ये सीट

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VVIP सीट में से एक अमेठी की सीट भी है। इस सीट पर लोकसभा चुनाव में कड़ा मुक़ाबला होने की उम्मीद है। कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल को पटखनी देने के लिए बीजेपी ने बड़ा प्लान बनाया है। 2014 वाला प्लान दोहराते हुए बीजेपी ने अमेठी के चुनावी अखाड़े में राहुल के ख़िलाफ़ स्मृति ईरानी को उतारा है। उत्तर प्रदेश की इस वीवीआईपी सीट पर आम चुनाव के घमासान में दिलचस्प मुक़ाबला होने वाला है। 2014 के चुनाव में कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल को कड़ी चुनौती मिली थी।


कांग्रेस का गढ़ और गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी इन दिनों चर्चा में है और चर्चा की वजह है यहां से चुनाव लड़ने वाले दो दिग्गज पार्टियों के नेता। एक तरफ़ जहां कांग्रेस की तरफ़ से राहुल गांधी लगातार चौथी बार संसद में पहुंचने के लिए इस सीट से अपनी क़िस्मत आज़माएंगे। वहीं, दूसरी तरफ़ बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी पहली बार लोकसभा का रूख़ करने के लिए यहां से चुनावी मैदान में होंगी। 2014 में हुए आम चुनाव में मोदी लहर में सियासी पार्टियों के गढ़ उखड़ गए, लेकिन अमेठी की सीट से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती ज़रूर दी थी मगर जीत से वह एक अंश पीछे रह गईं। राहुल को 408,651 वोट मिले वहीं, राहुल को कड़ी टक्कर देती हुई स्मृति के खाते में 300,748 गए।

Rahul gandhi 16 -

2014 के उलट इस बार हालात अलग हैं। स्मृति को राहुल के ख़िलाफ़ खड़ा करके बीजेपी कांग्रेस को उसी के गढ़ में घेरना चाहती है, लेकिन 2014 के चुनाव में उसका यही दांव ख़ाली गया था क्योंकि अमेठी गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है। यहां से राहुल के पिता व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी मां सोनिया गांधी भी एक बार चुनाव लड़कर संसद पहुंच चुकी हैं। बीजेपी ने ये सीट एक बार सिर्फ़ 1998 के चुनाव में जीती थी। उसके बाद से, 2014 के चुनाव के अलावा बीजेपी ने कभी इस सीट पर कांग्रेस को चुनौती नहीं दी।

अगर, इस वीवीआईपी सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव के वोट प्रतिशत की बात की जाए तो कांग्रेस का वोट बीजेपी की तरफ़ खिसक गया था। कांग्रेस के राहुल को 46.71 फ़ीसदी वोट मिले थे और उसका 25.07 फ़ीसदा वोट कम हुआ था। बीजेपी की स्मृति ईरानी को 28.57 फ़ीसदी वोट की बढ़त से कुल 34.38 प्रतिशत वोट मिले थे। इस लिहाज से देखा जाए तो सियासी अखाड़े में इस कांग्रेस अध्यक्ष की राह आसान नहीं होने वाली है और उन्हें बीजेपी की उम्मीदवार से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। इस बार कांग्रेस-बीजेपी के बीच सियासी मैच टक्कर का लग रहा है। इस सियासी मैच में कौन चित्त होगा इसका पता 23 मई को नतीजे वाले दिन चलेगा।

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