उत्तर प्रदेश: आपूर्ति विभाग की मिली भगत से गरीबो के मुंह का निवाला कोटेदार बाजारों में ऊंची कीमत में बेचकर मालामाल हो रहे हैं। वहीं गरीब ग्रामीण अपने हिस्से का राशन पाने के लिये दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला भ्रष्टाचार में डूबे कोटेदार विहारी लाल का प्रकाश में आया है। मंगलवार की रात ग्रामीणों ने दूसरे के घर मे बाजार में बेचने के लिये रखा गया 152 बोरी गेहूं व चावल पकड़ लिया। सूचना क्षेत्रीय सप्लाई इंस्पेक्टर और माल पुलिस को दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने गेहूं, चावल से भरे कमरे में ताला लगवाकर उग्र ग्रामीणों को शांत किया। वहीं भ्रष्टाचार में डूबा आपूर्ति विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा और कोटेदार के विरुद्ध कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा। विकास खण्ड की मझौवा पंचायत के मजरे बघोलवा गांव निवासी रामू, रामसिंह, कल्लू, ब्रजेश, रामविलास, विल्ले, रामचन्द्र, अमरु, बन्ने व कन्हई सहित तमाम ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से कोटेदार विहारी लाल पर कई महीनों से राशन न देने का आरोप लगाया है। साथ ही ग्रामीणों ने कोटेदार पर मिट्टी के तेल में डामर जैसे किसी पदार्थ की मिलावट युक्त तेल देने का भी आरोप लगाया। ग्रामीणों ने बताया कि मिलावटी केरोसिन जलाने में दिक्कत आती है, जलता ही नहीं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष इसी कोटेदार द्वारा बेचने के लिये बाजार ले जाते समय बड़ी मात्रा में खाद्यान रास्ते मे पकड़ा गया था।
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आपूर्ति विभाग ने गोलमोल कर मामले को रफादफा कर दिया था। इस संबंध में उपजिलाधिकारी मलिहाबाद जयप्रकाश अग्निहोत्री ने बताया कि कोटेदार द्वारा कालाबाजारी का मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच के लिये नायब तहसीलदार, आरओ, क्षेत्रीय आपूर्ति निरीक्षक सहित पुलिस को तत्काल मौके पर भेजकर खाद्यान की जांच और कार्यवाही के लिये भेजा गया है। क्षेत्रीय आपूर्ति निरीक्षक सीपी मिश्रा ने बताया कि मेरे पास चौक और मलिहाबाद दो जगह का भार है। मैं चौक में हूं गुरुवार को मौके पर जाऊंगा।
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