बेटे ने पिता को उतारा मौत के घाट

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बेटे ने पिता को उतारा मौत के घाट
बेटे ने पिता को उतारा मौत के घाट

यूपी में वारदातों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां एक तरफ यूपी सरकार प्रदेश को उत्तम बनाने में जुटी हुई है, वहीं दूसरी तरफ आये दिन हो रही वारदातों से यूपी सरकार के तमाम दावें खोखलें साबित हो रहें है। यूपी में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी जहां चुनाव से ही यूपी में अपराध कम करने की बात करती आ रही है, वहीं योगी सरकार के 100 दिन से ज्यादा होने के बावजूद भी यूपी में वारदातों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। वारदातों में हत्या, दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों की बढ़ोत्तरी नजर आ रही है।

जी हाँ, आज यूपी से रिश्तों को शर्मसार करने का एक और मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश के मऊ के मूमिनपुरा इलाकें के दक्षिणटोला में जमीनी विवाद में एक बेटे ने अपने पिता और चाचा को गोली मार दी।  गोली लगने की वजह से पिता की मौके पर ही मौत हो गई,  जबकि चाचा गम्भीर रूप से घायल हो गया। घालय चाचा को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

आपको बता दें  कि मोमिनपुरा इलाकें में जमीन के बंटवारे के दौरान 55 साल फिरोज अहमद को उनके ही बेटे ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। बेटे ने न सिर्फ अपने पिता पर ही गोली चलाई बल्कि चाचा समेत पंचायत कराने आए एक और शख्स पर भी फायरिंग किया। इस मामलें से गांव में हड़कंप मच गया।

सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं आरोपी घटना को अंजाम देकर फरार हो गया। पुलिस मामलें की जांच में जुटी गई। पुलिस का कहना है कि वो जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेंगे।

बहरहाल यह कोई पहला मामला नहीं है, जब जमीनी विवाद के चलते रिश्तों को मौत के घाट उतारा गया हो। यूपी के मऊ इलाकें में पिछले महीनें ही जमीनी विवाद के कारण रिश्ते शर्मासार हुए थे। यह सिर्फ यूपी की ही बात नहीं है, अपितु देशभर से ऐसे कई मामलें सामने आते रहते है। आकड़ों पर नजर डालें तो पिछलें दो-तीन महीनें में ही रिश्तों से खून की होली खेलने वाले तकरीबन दस से ज्यादा मामलें यूपी के ही सामने आये है।

यूपी में बढ़ते वारदातों को देखकर यही सवाल खड़ा होता है कि आखिर कब तक यूपी में मौत का गंदा और घिनोना खेल खेला जाएगा? रिश्तों को शर्मासार करने वाले ऐसे मामले कब तक सामने आते रहेंगे?  पुलिस औऱ प्रशासन भले ही मामलें को रोकने की बात कर रहे हो, लेकिन सच्चाई तो यही है कि सरकार चाहें जो भी हो यूपी में मौत का ताडंव दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।