अमेरिका में भारत के एक टॉप राजनयिक ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर भारत को कश्मीर में ‘इजरायल मॉडल’ अपनाना चाहिए और कश्मीरी पंडितों को वहां पर खुशहाली से बसने को कहा. वहीं न्यूयार्क में भारत के काउंसल जनरल संदीप चक्रवर्ती ने कश्मीरी हिंदुओं के एक कार्यक्रम में कहा कि अगर इजरायली ऐसा कर सकते हैं तो हम भी कर सकते हैं.
इतना ही नहीं न्यूयार्क के एक कार्यक्रम में दिए गए संदीप चक्रवर्ती के इस बयान पर पाक तिलमिला गया. जिसके बाद पाक के पीएम इमरान खान ने कहा कि ये बयान मानवाधिकार के खिलाफ है. राजनयिक संदीप चक्रवर्ती ने बाद में कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है.
बता दें कि संदीप चक्रवर्ती न्यूयॉर्क में कश्मीरी पंडितों के एक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने पर भी चर्चा की थी. इस कर्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के हालात सुधरेंगे, इससे शरणार्थी को वापस लौटने में मदद मिलेगी. अगर ऐसा होता है, तो आप वापस जा सकेंगे और अपने घर वापस जा सकेंगे और आप सुरक्षा का एहसास कर सकेंगे.
जिसके बाद संदीप चक्रवर्ती ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता है हम लोग इसे फॉलो क्यों नहीं करते हैं. मिडिल ईस्ट में ऐसा हो चुका है, यदि इजरायल के लोग ऐसा कर सकते हैं, हमलोग भी कर सकते हैं. बता दें कि 1967 के बाद से इजरायल ने वेस्ट बैंक और पूर्वी जेरुशलम में लगभग 140 कॉलोनियां बसाई है. कई अंतरराष्ट्रीय संगठन इन कॉलोनियों को अवैध मानते हैं.
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भारतीय राजनयिक के इस बयान से पाकिस्तान तिलमिला गया है. बुधवार को इमरान खान ने कहा कि ये भारत की मानसिकता को दिखाता है. इमरान खान ने एक ट्वीट कर कहा कि कश्मीर को लेकर ताकतवर देश चुप्पी साधे हुए हैं. वहीं इस मु्ददे पर भारतीय राजनयिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उनकी टिप्पणी और इजरायल के संदर्भ को गलत तौर पर पेश किया गया है.