पाकिस्तान भारत को बहाने की तरह इस्तेमाल कर रहा है- अमेरिका

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अफगानिस्तान में भारत की विकास संबंधी गतिविधियों पर इस्लामाबाद की चिंताओं को खारिज करते हुए अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान युद्ध प्रभावित देश में अपनी नीतियों को जारी रखने के लिए नयी दिल्ली का इस्तेमाल एक बहाने के तौर पर कर रहा है। रिपब्लिकन प्रतिनिधियों के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कल कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘‘अफगानिस्तान में जो कुछ भारत कर रहा है, वह पाकिस्तान के लिए खतरा नहीं है। वे सैन्य ठिकाने नहीं बना रहे। वे सैनिकों की तैनाती नहीं कर रहे।’’ नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता माइकल एंटन दरअसल पाकिस्तान के उन आरोपों और भय से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे, जिनका मूल सार यह था कि भारत अफगानिस्तान के माध्यम से उसे घेर रहा है।

कॉन्फ्रेंस कॉल की खबर देने वाले पॉलिटिको के अनुसार, उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की ओर से बनाया गया एक ‘बहाना’ है।
इस संदर्भ में पाकिस्तान की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए एंटन ने कहा, ‘‘भारतीय ऐसा कुछ नहीं कर रहे, जिससे घेराबंदी होती हो। पाकिस्तानी इस बारे में शिकायत करते हैं।’’ पाकिस्तान के इस किस्म के आरोप का जिक्र पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के एक हालिया बयान में है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक दिन पहले की गई अफगान नीति की घोषणा के जवाब में पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने बयान जारी करके कहा था, ‘‘सुरक्षा और शांति पर मंडराने वाले खतरे को भूराजनीति, लगातार सुलगने वाले विवादों और आधिपत्य संबंधी नीतियों के जटिल मिश्रण से अलग नहीं किया जा सकता। जम्मू-कश्मीर विवाद का समाधान न हो पाना क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए अहम अवरोधक है।’’ ट्रंप ने कहा था, ‘‘ पाकिस्तान में क्षेत्र और इससे परे के इलाकों पर खतरा पैदा करने वाले आतंकी संगठनों, तालिबान और अन्य समूहों को मिली शरणस्थलियों के बारे में हम अब और चुप नहीं रह सकते। ’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उन संगठनों को पनाह दी हुई है, जो हर दिन ‘हमारे’ लोगों को मारने की कोशिश करते हैं।

पाक विदेश कार्यालय ने कहा कि यह बात निराश करने वाली है कि अमेरिकी नीति से जुड़ा बयान इस प्रयास में पाकिस्तान की ओर से दिए गए अनगिनत बलिदानों को नजरअंदाज करता है। इसमें कहा गया, ‘‘पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद रोधी प्रयासों का हिस्सा रहा है और रहेगा। आतंकवाद दुनिया के सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान और अमेरिका करीबी सहयोगी रहे हैं। जहां तक नीति की बात है, पाकिस्तान किसी देश के खिलाफ अपने क्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देता।’’ इसमें कहा गया, ‘‘शरणस्थलियों की फर्जी बात पर भरोसा करने के बजाय, अमेरिका को आतंकवाद के खात्मे के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।’’