Bihar me Lockdown : पटना हाईकोर्ट का बिहार में लॉकडाउन पर सरकार को अल्टीमेटम, कहा- आज निर्णय नहीं हुआ तो अदालत लेगी कड़ा फैसला

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Bihar me Lockdown : पटना हाईकोर्ट का बिहार में लॉकडाउन पर सरकार को अल्टीमेटम, कहा- आज निर्णय नहीं हुआ तो अदालत लेगी कड़ा फैसला

Bihar me Lockdown : पटना हाईकोर्ट का बिहार में लॉकडाउन पर सरकार को अल्टीमेटम, कहा- आज निर्णय नहीं हुआ तो अदालत लेगी कड़ा फैसला

हाइलाइट्स:

  • पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से लॉकडाउन पर पूछा सवाल
  • आज बिहार सरकार बताए कि राज्य में लॉकडाउन लगेगा या नहीं- कोर्ट
  • अगर आज निर्णय नहीं हुआ तो हाईकोर्ट ले सकता है कड़े फैसले- HC
  • ऐसा लग रहा कि पूरा तंत्र ध्वस्त- पटना हाईकोर्ट

पटना:
बिहार में बेतहाशा बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। कल यानि 3 मई को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से लॉकडाउन को लेकर सवाल भी पूछे हैं।

राज्य सरकार बताए कि लॉकडाउन लगेगा या नहीं- कोर्ट
सोमवार को कोरोना पीड़ितों के इलाज के संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से सवाल पूछा है। हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा कि वो राज्य सरकार से बात करें और आज यानी चार मई को बताएं कि राज्य में लॉकडाउन लगेगा या नहीं। कोर्ट ने इसके साथ ही ये कहा कि अगर इस पर आज कोई निर्णय नहीं आता है तो हाईकोर्ट कड़े फैसले ले सकता है।
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बिहार में कोरोना मैनेजमेंट से निपटने के लिए वार रूम तक नहीं- कोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश के बाद भी कोरोना मरीजों के उपचार की सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं। राज्य के अस्पतालों में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति की ठोस कार्ययोजना नहीं बनी है। केंद्रीय कोटा से मिले रोजाना 194 टन की जगह मात्र 160 टन ऑक्सीजन का उठाव हो रहा है। राज्य में एडवाइजरी कमेटी तक नहीं बनी, जो इस कोरोना विस्फोट से निपटे, कोई वार रूम तक नहीं बना है।

ऐसा लग रहा कि पूरा तंत्र ध्वस्त- कोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि पूरा तंत्र ध्वस्त हो चुका है। बेड व वेंटिलेटर की कमी और पांच सौ बेड का बिहटा ईएसआईसी अस्पताल शुरू करने के आदेश पर भी पूरी तरह काम नहीं हुआ। सरकारी रिपोर्ट भी भ्रामक थी, इसलिए एक स्वतंत्र कमेटी बनाई। उसकी रिपोर्ट के उलट आंकड़े कोर्ट में विभाग दे रहा है।

विभाग ने बताया कि प्रेशर स्विच एब्जॉर्वेशन प्रणाली के दो प्लांट दो कोविड अस्पतालों में लग गए और काम भी शुरू हो गया, लेकिन विशेषज्ञों की कमेटी ने रिपोर्ट दी है कि आजतक किसी प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन नहीं शुरू हुआ है।

इसके बाद न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह व न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खण्डपीठ ने शिवानी कौशिक की जनहित याचिका पर सुनवाई को मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया। इस जनहित मामले की सुनवाई के जरिये ही हाईकोर्ट सूबे में कोरोना महामारी से निपटने में सरकारी इंतजाम व कामकाज की मॉनिटरिंग कर रही है।

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