नकली नोट छापकर ऐशो-आराम की जिन्दगी जीने वाले एक युवक पुलिस की पकड़ में आया है। दरअसल, पुलिस की पकड़ में आए युवक ने पूछताछ में मौज-मस्ती करने के लिए नकली नोट छापने की बात स्वीकार की।
बता दें कि नई दिल्ली जिले के बाराखंबा थाना पुलिस ने नकली नोटों की मदद से मौज करने वाले आरोपित को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया है। आरोपित युवक छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि मौज-मस्ती व ऐशोआराम की जिंदगी जीने के लिए वह कंप्यूटर की मदद से जाली नोट छापता था। आरोपित की पहचान जोगेश्वर राम के रूप में हुई है। वह छत्तीसगढ़ के बलरामपुर का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपित के पास 100 रुपये के 127 और 200 रुपये के 12 जाली नोट बरामद किए हैं।
नई दिल्ली जिले की डीसीपी ईश सिंघल के अनुसार रात एक ऑटो चालक ने पुलिस को बताया कि उसने एक सवारी को चेम्सफोर्ड रोड से मिंटो रोड जाने के लिए बैठाया था। मिंटो रोड के पास पहुंचने पर यात्री ने चालक को 100 रुपये का नया नोट दिया। उसने जब इस नोट की जांच की तो वह जाली निकला। उसने जब सवारी से यह नोट बदलने के लिए कहा तो वह मिंटो रोड की तरफ भाग गया। ऑटो चालक ने शोर मचाया जिसे सुनकर पिकेट पर मौजूद हेडकांस्टेबल विजय और कॉन्स्टेबल धनी राम ऑटो चालक के पास पहुंचे और आरोपित का पीछा कर उसे दबोच लिया।
इसके बाद पुलिस को पीछे आता देख आरोपित ने अपना पर्स पास एक नाले के अंदर फेंक दिया। दरअसल वह चाहता था कि पुलिस पर्स में मौजूद दस्तावेज से उसकी पहचान न कर सके, लेकिन पुलिस टीम ने तुरंत नाले से उसका पर्स बरामद कर लिया। जेब से तलाशी में उसके पास से 100 रुपये के 98 जाली नोट और 200 रुपये के नौ जाली नोट बरामद हुए। वहीं 100 रुपये के 29 नोट और 200 रुपये के तीन जाली नोट उसके पर्स से बरामद हुए।
पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने कंप्यूटर में डिप्लोमा किया हुआ है। वह छत्तीसगढ़ में एक प्रिंटिंग प्रेस कंपनी में काम करता था। करीब डेढ़ साल पहले आरोपित पे नौकरी छोड़ दी। उसके बाद जल्दी रुपये कमाने के लिए उसने कंप्यूटर की मदद से नकली नोट छापना शुरू कर दिया। आगे पूछताछ में आरोपित ने बताया कि कि वह छोटे नोट छापता था क्योंकि लोग इसे गौर से नहीं देखते थे।