Pollution in Delhi: रेकॉर्ड बारिश की वजह से साफ हुई सर्दी की शुरुआत, लेकिन गंभीर स्मॉग एपिसोड से बचाव जरूरी

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Pollution in Delhi: रेकॉर्ड बारिश की वजह से साफ हुई सर्दी की शुरुआत, लेकिन गंभीर स्मॉग एपिसोड से बचाव जरूरी

नई दिल्ली: सीएसई ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया है कि मॉनसून की रेकॉर्ड बारिश की वजह से सर्दियों की शुरुआत इस बार पिछले तीन सालों में सबसे साफ हुई है। सर्दी से पहले राजधानी साफ रही है, हालांकि गर्मियों में प्रदूषण अधिक रहा। इतना ही नहीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यदि इस साल सख्ती की जाए तो गंभीर स्मॉग एपिसोड से बचा जा सकता है। स्मॉग एपिसोड उस स्थिति को कहते हैं, जब राजधानी लगातार कई दिनों तक स्मॉग की चादर से ढकी रहती है। रिपोर्ट के अनुसार 2018 की तुलना में इस बार सितंबर-अक्टूबर में संतोषजनक स्तर के दिनों की संख्या 43 से बढ़कर 90 प्रतिशत हो गई है। 2020 में यह 27 प्रतिशत तक सिमट गई थी।

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सीएसई की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता राय चौधरी ने बताया कि इस समय सर्दियों के प्रदूषण का पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता। 1 जनवरी से 5 अक्टूबर के बीच यह स्टडी की गई। इसमें तीन सर्दियां, सर्दियों से पहले के ट्रेंड, महामारी से पहले और महमारी के दौरान के ट्रेंड हैं। इस विश्लेषण में दिल्ली के अलावा पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और वेस्ट बंगाल के 67 शहरों को शामिल किया गया है। सीएसई की अर्बन डाटा एनालिटिक लैब की प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी के अनुसार 2020-2021 की सर्दियों में गंभीर दिनों की संख्या में कमी आई थी और स्मॉग एपिसोड भी छोटे हुए थे। लेकिन हॉटस्पॉट के ट्रेंड इससे अलग रहे। इस साल स्मॉग अधिक गंभीर हो सकता है, क्योंकि अभी तक पराली जलाने के मामले कम हैं।

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चार सालों का सबसे साफ मॉनसून
रेकॉर्ड बारिश की वजह से पिछले चार सालों का यह दिल्ली का सबसे साफ मॉनसून सीजन रहा। मॉनसून के दौरान औसत पीएम 2.5 का स्तर महज 41 एमजीसीएम रहा। मॉनसून के तीन महीनों में 95 दिन पीएम 2.5 का स्तर तय मानकों से कम रहा। साफ दिनों की संख्या भी अधिक रही। 2018 से अब तक सालाना सुधार औसत 6 प्रतिशत का रहा।

गर्मियों में बढ़ा था प्रदूषण
2020 में लॉकडाउन की वजह से गर्मियां साफ रही थी, लेकिन 2021 में ऐसा नहीं हुआ। गर्मियों के दौरान औसत पीएम 2.5 का स्तर 79 एमजीसीएम रहा और महज 51 दिन इसका स्तर तय मानकों से कम रहा। बल्कि पीएम 2.5 का स्तर इस साल 2019 के स्तर पर रहा, जबकि इस साल आंशिक गर्मियों में राजधानी में आंशिक लॉकडाउन था।

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अभी पराली का ज्यादा नहीं दिखा है असर
इस साल 10 अक्टूबर के आसपास पराली ने राजधानी पर असर डालना शुरू कर दिया था। अभी तक पराली का पीक प्रदूषण 16 अक्टूबर को 14 प्रतिशत रहा है। इस साल पिछले साल की तुलना में अभी तक पराली जलाने के मामले आधे से भी कम आए हैं। हालांकि इसकी एक वजह बादल भी हो सकते हैं जिसकी वजह से सेटेलाइट इमेज में पराली कैप्चर नहीं हो पा रही है।

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हॉट स्पॉट में अधिक रहा पीएम 2.5 का स्तर
18 हॉट स्पॉट में से 11 में दिल्ली के औसत से पीएम 2.5 का स्तर अधिक रहा, लेकिन आनंद विहार और पंजाबी बाग की स्थिति 2021 के मॉनसून में पिछले मॉनसून की तुलना में काफी खराब रही। इस मॉनसून में कुछ उभरते हुए हॉट स्पॉट भी सामने आए हैं जिनमें भिवाड़ी (राजस्थान), मानेसर (हरियाणा) और फरीदाबाद सेक्टर-11 (हरियाणा) शामिल रहा। इनमें भी सबसे खराब हालात फरीदाबाद सेक्टर-11 के रहे।

Delhi Pollution

दिल्ली में प्रदूषण (फाइल फोटो)

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