COVID-19 के कहर के बाद दुनिया में क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं ?

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COVID-19 के कहर के बाद दुनिया में क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं

कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में आतंक का माहौल पैदा हो चुका है। चीन से निकला यह खतरनाक वायरस दुनिया के हर एक कोने में पहुंच चुका है। इटली , स्पेन जैसे देशों में अपना प्रकोप दिखाने के बाद यह वायरस काफी तेज़ी से अमेरिका में अपना घातक प्रभाव देखा रहा है। इस वायरस से बचने के लिए कई देशों में लॉक डाउन के निर्देश जारी किये गए है।

कोरोना वायरस

दुनिया में क्या बदलाव

लेकिन क्या अपने कभी सोचा है जब यह महामारी खत्म होजाएगी तब देश में क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ेगे ? लॉक डाउन के कारण प्रदूषण के स्तर में कमी देखी गई है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी के कारण, वायु की गुणवत्ता में सुधार है, जो विश्व स्तर पर 50,000+ लोगों के उम्र को लम्बा करेगा जिनकी लम्बी उम्र की उम्मीद पहले वायु प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों के कारण कम थी।

लॉकडाउन के फलस्वरूप चीन 25% कम ग्रीनहाउस गैस पैदा कर रहा है। लोग घरों से काम कर रहे हैं। फैक्ट्री के काम में रोक लगने से और मैन्युफैक्चरिंग का काम नहीं होने से कम वेस्ट पैदा हो रही है, जिससे जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। 2019 इतिहास में दूसरा सबसे गर्म रहा था।

कोरोना वायरस के कारण

चीन के लॉकडाउन के चलते वायु प्रदूषण काफी कम हो गया और तो और 2019 की शुरुआत में 71% के मुकाबले मार्च 2020 के अंत में लंदन में ट्रैफिक से भरी सड़कें केवल 15% रह गई हैं। ब्रिटेन की राजधानी का पार्टिकुलेट मैटर का स्तर लगभग आधा हो गया है जो इस वर्ष ऐसा ही रहने की उम्मीद है।

कोरोना वायरस के कारण लोगों में स्वेदनशीलता भी बढ़ी है , परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ वक़्त बिता रहे है। अपने जीवन में एक दूसरे के महत्व को समझ रहे है , घर का कार्य कर रहे अपनी महिलाओं , माँ के प्रति सम्मान और बढ़ रहा है और पता चल रहा कि वो कैसे घर में अकेले रहते है और सुबहे से शाम कार्य करते है।

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फिलाल कोरोना का आकड़ा बढ़ता जा रहा है , जो चिंता का विषय है , लेकिन इस वायरस को मात देने कि जंग जारी है। वैक्सीन , दवाई पर परीक्षण चल रहा है।