NPR की प्रक्रिया में किन दस्तावेजों की जरूरत, गृह मंत्रालय ने दिया लिखित जवाब

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देश भर में चल CAA और NPR के मामले में लोगो के जेहन में कई सवाल पैदा हो रहे है। इन सभी सवालों का जवाब देने मोदी सरकार आगे आगई है। देश में इस सन्दर्भ में विद्रोह देखने को मिल रहा है। वही मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि NPR को अपडेट करने के दौरान किसी तरह के कागज की जरूरत नहीं है, इस दौरान आधार कार्ड का नंबर देना भी वैकल्पिक होगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से संसद में ये जवाब लिखित में दिया गया है।

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NPR यानि की नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में अपडेटशन के दौरान हर परिवार और व्यक्ति को अपनी जानकारी प्रदान करनी होगी। इस प्रक्रिया के दौरान कागजों की मांग पर राज्य सरकार की तरफ से कई तरह के सवाल उठाये जा रहे थे, राज्य सरकार लगातार CAA और NPR के विरोध में नज़र आई और CAA , NPR की कोई भी प्रक्रिया में सहयोग करने से इंकार कर दिया , हालांकि अब सरकार का कहना है कि वह राज्य सरकारों से इस सन्दर्भ में बात करेगी।

नागरिकता संशोधन एक्ट के फैसले के तुरंत बाद भारत सरकार ने NPR को अपडेट कराने का निर्णय लिया। 1 अप्रैल, 2020 से NPR अपडेट की प्रक्रिया शुरू होगी, जो कि जनगणना का पहला फेज़ होगी. NPR की प्रक्रिया के दौरान हर घर से जानकारी ली जाएगी, जिसमें सभी को सही जानकारी सरकार को देनी होगी. हालांकि, आधार कार्ड नंबर देना या ना देना व्यक्ति पर निर्भर होगा।

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अभी सरकार ने यह साफ़ कर दिया है कि देश में NRC लाने के विचर में नहीं है और अभी इस संदर्भ में किसी तरह की बात करना अनुचित होगा। अभी तक बिहार, महाराष्ट्र, बंगाल, राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों ने अपने यहां नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन ना लागू करने का फैसला किया है। देखना होगा की राज्य सरकार का इतना विरोध प्रदर्शन चल रहा है वह मोदी सरकार इस सन्दर्भ बात और विचार विमर्श से CAA और NPR को देश भर में लागू कर पाएगी या नहीं।