PSU SellOff: मार्च तक चार सरकारी कंपनियों की बिक्री का प्लान, जानिए कितने रुपये जुटाने की है योजना

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PSU SellOff: मार्च तक चार सरकारी कंपनियों की बिक्री का प्लान, जानिए कितने रुपये जुटाने की है योजना

नई दिल्ली
Privatisation Drive: भारत सरकार ने कई महीने की मशक्कत के बाद रणनीतिक रूप से सरकारी संपत्ति की बिक्री के दो मामले को पूरा कर लिया है। पिछले कई महीनों से जारी यह कवायद सफल साबित हुई है।

अब सरकार मार्च के अंत तक 4 और सरकारी कंपनियों का निजीकरण करना चाहती है। इनमें शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, बीईएमएल, पवन हंस और नीलांचल इस्पात जैसी कंपनियां शामिल है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

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भारत सरकार द्वारा सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की बिक्री के बाद विनिवेश विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “हम कई सरकारी कंपनियों की बिक्री पर विचार कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि साल के अंत तक यह पूरा हो जाएगा।”

किन कंपनियों की बिक्री
सरकार की रणनीतिक बिक्री की योजना में भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड बड़ी कंपनी है। ऐसा लग रहा है कि भारत पेट्रोलियम की बिक्री का कार्यक्रम अगले वित्त वर्ष में खिसक सकता है। इसके साथ ही आईडीबीआई बैंक और एक साधारण बीमा कंपनी का भी निजीकरण किया जाना है। भारत सरकार ने 2 सरकारी बैंक के निजीकरण की भी योजना का खुलासा किया है। यह इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हो सकते हैं। इसके लिए सरकार को पहले विधायी कार्यवाही करनी है।

पिछले साल दिसंबर में पवनहंस के लिए बोली
सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवन हंस में प्रबंधन नियंत्रण सौंपने समेत रणनीतिक बिक्री के लिये दिसंबर में बोली मंगाई थी। इससे पहले, दो बार इसकी बिक्री का प्रयास असफल रहा था। सरकार की पवन हंस में 51 प्रतिशत और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की इसमें 49 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। पूर्व में ओएनजीसी ने सरकार की हिस्सेदारी बेचे जाने के साथ कंपनी में अपनी भी पूरी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश करने का निर्णय किया था। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) जारी किया था।

शिपिंग कॉर्पोरेशन की बिक्री

सरकार ने पिछले दिसंबर में ही प्रबंधन हस्तांतरण के साथ शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में अपनी 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश के लिए बोलियां आमंत्रित की थी। विनिवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) जारी करते हुए अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किया था। मौजूदा बाजार मूल्य के आधार पर शिपिंग कॉरपोरेशन में सरकार की हिस्सेदारी की कीमत करीब 2,500 करोड़ रुपये है।

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