नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव जिसे आगामी लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा था आखिरकार उसका नतीजा सबके सामने आ चुका है. इस बार भारतीय जनता पार्टी को तीन राज्यों में काफी बड़ा झटका मिला है.
बता दें कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस बार कमल नहीं खिल पाया है. इस बार के विधानसभा चुनाव में जहां एक तरफ बीजेपी सत्ता हासिल नहीं कर पाई वहीं कांग्रेस के खेमे में खुशी की अलग सी लहर देखने को मिली है.
जहां भाजपा पार्टी को पीएम मोदी, अमित शाह और यूपी के सीएम योगी का बड़ा सपोर्ट था वहीं कांग्रेस की ओर से अकेले अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोर्चा संभाला. इस बार के चुनावी रण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने बीजेपी को करारी शिकस्त देकर ये दिखा दिया है कि वह किसी से कम नहीं है.
विपक्ष के नंबर-1 नेता
आपको बता दें कि पहले कर्नाटक में सरकार बनाना फिर गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा पार्टी को कड़ी टक्कर देना अब तीन राज्यों में बीजेपी को चित कर देना, ये दर्शाता है कि राहुल विपक्ष के नेता नंबर-1 बन गए है. कई बार राहुल के ऊपर सवाल किए गए लेकिन अध्यक्ष पद संभालने के बाद जिस तरह से नतीजे दिए हैं उससे सभी सवाल बंद हो गए हैं. ये ही नहीं राहुल की बड़ी जीत देखकर अब शिवसेना हो फिर चाहे जेडीयू तमाम पार्टियां का अब ये कहने है कि राहुल की राजनीती में परिपक्वता आई है.
बता दें कि तीन राज्यों में भारी बहुमत से जीतने के बाद अब विपक्ष संसद के शीतकालीन सत्र में बड़ी उत्सह के साथ प्रवेश करेगा. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान कांग्रेस, मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाएगा.