नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में चुनाव को देखते हुए आए दिन कोई न कोई रणनीति देखने को मिला रहीं है. जब से राहुल गांधी के हाथों में कांग्रेस की कमान सौंपी गई है तब से पार्टी संगठन में कई बड़े बदलाव किए जा रहें है. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज कई बड़े नेताओं को पार्टी की मुख्य जिम्मेदारी सौंपी गई है.
अहमद पटेल को कोषाध्यक्ष का कार्यभार सौंपा गया
बता दें कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रह चुके अहमद पटेल को कोषाध्यक्ष का कार्यभार सौंपा गया है. अहमद पटेल का आज जन्मदिन है इस अवसर पर राहुल गांधी की तरफ से अहमद पटेल को अहम जिम्मेदारी का दायित्व सौंपा गया है. इस जम्मेदारी को काफी समय से पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा द्वारा देखा जा रहा था. इसके अतिरिक्त भी कई अन्य नेताओं को मुख्य जिम्मेदारी दी गई है.
आनंद शर्मा पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य भी रहा चुके है
राहुल ने आनंद शर्मा को कांग्रेस विदेश प्रकोष्ठ के प्रमुख की जम्मेदारी सौंपी है. बता दें कि आनंद शर्मा पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य भी रहा चुके है. और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन की सरकार के समय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री भी रह चुके है. उन्हें राज्यसभा में हमेशा ही मोदी सरकार पर विदेश और आर्थिक मामलों पर निशाना साधते देखा गया है.
मीरा कुमार को कांग्रेस कार्यसमिति का स्थाई सदस्य बनाया
इसके अनुरूप लुजीनो फलेरो को महासचिव इंचार्ज नार्थ ईस्ट स्टेट्स बनाया गया. वहीं मीरा कुमार को कांग्रेस कार्यसमिति का स्थाई सदस्य भी बनाया गया है. जिस समय सोनिया गांधी के हाथों में कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी तब अहमद पटेल की तूती काफी बोला करती थी. अहमद पटेल को ये कद न सिर्फ तीन बार लोकसभा में कांग्रेस के सांसद रहे और पांचवीं बार कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं बल्कि गांधी परिवार के प्रति उनकी वफ़ादारी का ही यह नतीजा था जिसके चलते सोनिया गांधी ने उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया था.
पटेल के सामने सत्ता से बाहर रहते हुए पार्टी के खजाने में बढ़ोतरी कराने की बड़ी चुनौती
जैसे ही राहुल ने पार्टी की अध्यक्षता अपने हाथों में ली है तब से अहमद पटेल को पार्टी से साइड लाइन माना जा रहा था. हालांकि, कांग्रेस की कार्यसमिति में उन्हें राहुल ने सदस्य बना दिया था. इसके बाद अब पटेल को पार्टी के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब पटेल के सामने सत्ता से बाहर रहते हुए पार्टी के खजाने में बढ़ोतरी कराने की बड़ी चुनौती खाड़ी होगी.
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यूपीए सरकार समय राजीव गांधी फाउंडेशन को बजट से 20 करोड़ का फंड दिलवाया था लेकिन सोनिया गांधी ने इसे अस्वीकार कर दिया था. इसके बाद अहमद पटेल के ऊपर राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए फंड इकट्ठा करने की जिम्मेदारी आ गई थी, जिसको इन्होने बड़ी बाखूबी से निभाया था.