राहुल और जिग्नेश की मुलाकात, जिग्नेश ने लोगों को भाजपा के खिलाफ वोट देने को कहा

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राहुल गांधी चुनाव प्रचार के लिए गुजरात दौरे पर हैं, जहां कल शुक्रवार को उन्होंने गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवानी से मुलाकात की। दोनों के बीच मुलाकात लगभग आधे घंटे तक चली। मुलाकात नवसारी के बाहरी इलाके के एक फॉर्महाउस में हुई। मुलाकात के बाद मेवानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुलाकात साकारात्मक रही और हमें कांग्रेस के घोषणा पत्र में हमारी 90 प्रतिशत मांगों को शामिल करने की बात कही।

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बता दें कि भाजपा शासित गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को दो चरण में मतदान होने वाली है। इस बीच गुजरात में 22 साल से सत्ता से दूर रही कांग्रेस ने गुजरात में अपने सारे पत्ते खोल दिए हैं। यहां तक कि वो अपने परंपरागत मुस्लिम वोटरों की परवाह ना करते हुए गुजरात में मंदिर-मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा राहुल अपनी हिंदुत्व विरोधी छवि सुधारने के लिए कर रहे हैं ताकि हिंदू वोटर कांग्रेस को वोट देने में संकोच ना करे।
बैठक के बाद राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम सभी की सुनते हैं, चाहे वो जिग्नेश मेवानी हो या हार्थिक पटेल लेकिन पीएम केवल अपने मन की बात लोगों पर थोपते हैं। लोगों की सुनते नहीं हैं।

जिग्नेश गुजरात के उना में दलितों की पिटाई के बाद उनके लिए आवाज उठाने के लिए चर्चा में आए और पिछले कुछ दिनों में गुजरात के कुछ युवाओं के साथ उभरकर आए हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान जिग्नेश ने कहा कि उना की घटना के बाद हमलोगों ने कई आंदोलन किया और उससे संबंधित ज्ञापन भी सौंपा लेकिन प्रदेश की मोटी चमड़ी वाली भाजपा सरकार सोती रही। सरकार ने हमारी कोई सुध नहीं ली बल्कि हमें बातचीत के लायक भी नहीं समझा। ऐसे में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
जिग्नेश ने कहा कि हमारी 17 मांगों पर राहुल जी के साथ चर्चा हुई। उन्होंने (राहुल) ना केवल हमारी बात सुनी बल्कि 90 प्रतिशत मांगो को संवैधानिक भी माना और उन्हें कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल करने को भी कहा।

मेवानी की मांगों में दलितों को पांच एकड़ कृषि भूमि का आवंटन, पशुओं की खाल उतारने और मैला ढोने में शामिल लोगों के लिये वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करना और सुरेंद्रगढ़ जिले के थानगढ़ में 2012 में समुदाय के सदस्यों पर गोलीबारी की घटना की जांच रिपोर्ट जारी करना शामिल है।