आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए अब भारतीय रेलवे अपना एक नया फोर्स तैयार कर रहा है, जिसका नाम होगा “कोरस”. कोरस यानि कि कमांडो फॉर रेलवे सिक्योरिटी. इस फोर्स को गठित करने का मुख्य उद्देश्य रेलवे के उपभोक्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित कराना है.
आपको बता दें कि इस रेलवे फोर्स की ट्रेनिंग सीआरपीएफ के तर्ज पर करवाया जायेगा और तो और ट्रेन हाइजैक, आतंकी हमले, यात्रियों को बंधक बनाने जैसी स्थितियों से निपटने की जानकारी भी इस फोर्स के ट्रेनिंग सेंटर्स पर दी जाएगी.
इस फोर्स की ट्रेनिंग में विशेषताओं की बात करें तो इस विशेष दस्ते को अपनी फिटनेस पर काफी ध्यान देना होगा, और इस महत्वपूर्ण चीज़ को दुरुस्त करने के लिए ट्रेनिंग में एक घंटे तक असलहा लेकर दौड़ना, अभियान के दौरान किसी भवन पर चढ़ना, उतरना और उसे रस्सी से पार करना, इसके अलावा उनकी फायरिंग को भी सुधार जायेगा.
इसके अलावा इनकी ट्रेनिंग में रेलवे की सुरक्षा की दृष्टि से ये भी सीखाया जायेगा कि यदि किसी रेल कोच में आतंकी प्रवेश करते हैं तो उनसे कैसे निपटा जायेगा, और कोच में फंसे यात्रियों को कैसे सुरक्षित रखा जायेगा. इसके अलावा जंगल में भी लैंडमाइन और आइईडी को निष्क्रिय करना भी इस फोर्स की ट्रेनिंग का हिस्सा होगा.
आपको बता दें कि रेलवे ने इस फोर्स के लिए अलग से बजट रखा है, और इन्हें अन्य फोर्स के मुकाबले अधिक इंसेंटिव दिया जायेगा. अब देखना होगा कि रेलवे की यह योजना कितनी सफल हो पाती है.