रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे भर्ती की बढ़ी फीस पर सफाई दी, अच्छी खबर की उम्मीद

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रेलवे भर्ती परीक्षा की बढ़ी हुई फीस ने सबको परेशानी में डाल दिया है. फीस में अचानक से हुए इस बड़े बदलाव से परीक्षार्थी पशोपेश में हैं कि आवेदन करें या नही. छात्रों की परेशानियों को देखते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बढ़ी हुई फीस पर सफाई पेश की है. रेल मंत्री ने कहा है कि शुल्क बढ़ाने का फ़ैसला इसलिए लिया गया है ताक़ि परीक्षा के लिए गंभीर उम्मीदवार ही आवेदन करें. ऐसा देखा गया है कि कई बार कम शुल्क की वजह से लोग आवेदन कर देते हैं लेकिन परीक्षा नहीं देते. जिस वजह से सरकार को नुक़सान होता है. रेल मंत्री ने इस बात का भी आश्वासन दिया कि अगर उम्मीदवार परीक्षा देता है तो बढ़ी हुई फ़ीस वापस कर दी जाएगी.

कई ग़लतफ़हमियां साफ़ की

रेल मंत्री पीय़ूष गोयल ने बढी हुई फीस के अलावा ये भी साफ किया है कि उम्मीदवार किसी भी भाषा में सिग्नेचर कर सकते हैं. ऐसी ख़बरें सुनने में आ रही थीं कि सिर्फ़ हिन्दी या अंग्रेज़ी में किये गए हस्ताक्षार ही मान्य होंगे. इस पर रेल मंत्री ने सफ़ाई देते हुए कहा कि कई बार अगर शुल्क नही रखा जाता है तो बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी आवेदन करते हैं, जो गंभीर नहीं होते और उस स्थिति में यह होता हे कि परीक्षा के दिन ऐसे आवेदक परीक्षा देने के लिए आते ही नहीं हैं. ऐसे हालात में परीक्षा के लिए सरकार ने जो इंतजाम किए होते हैं, उन पर खर्च हुई राशि बर्बाद हो जाती है. रेल मंत्री ने बताया कि भर्ती के लिए परीक्षा कंप्यूटर के ज़रिए ही होगी और यह 15 भाषाओं में दी जा सकेगी.

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ये हैं नयी फीस के नियम

रेल मंत्री ने कहा इसीलिए इस बार रेलवे ने तय किया है कि अनुसूचित जाति व जनजाति समेत जिन वर्गों को पहले इस तरह की परीक्षा के लिए आवेदन के साथ कोई राशि नहीं देनी होती थी, उन्हें अब 250 रुपये की फीस देनी होगी जबकि अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को 500 रुपये की राशि आवेदन के साथ देनी पड़ेगी. रेल मंत्री के मुताबिक आवेदन करने वालों में से जितने उम्मीदवार परीक्षा देंगे, उनमें से आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को उनकी पूरी फीस यानी 250 रुपये वापस कर दी जाएगी जबकि अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को 500 रुपये के शुल्क में से फीस के 400 रुपये वापस कर दिए जाएंगे.

इस तरह से अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए रेलवे भर्ती में आवेदन करने का एक तरह से पहले की तरह ही महज 100 रुपये शुल्क होगा जबकि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को 250 रुपये वापस मिल जाएंगे.