रामनाथ कोविंद ने ली सेंट्रल हॉल में शपथ ।

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रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को केंद्रीय कक्ष में देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन्होंने राष्ट्रपति के पहले सम्बोधन में सभी को समान अवसर देने को भारत की जरूरत बताई और देश के आखिरी गावं-घर तक विकास का वायदा किया।

महात्मा गाँधी की कल्पना का राष्ट्र निर्माण
देश की विविधता को सफलता का मूलमंत्र बताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमे तेज़- मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ समान मूल्यों वाले ओर समान अवसर देने वाले समाज का निर्माण करना होगा, जिसकी कल्पना माहत्मा गाँधी और दीनदयाल उपाध्या ने की थी ।

21वीं सदी है भारत की सदी
राष्ट्रपति ने 21वीं सदी को भारत की सदी बताते हुए कोविंद ने कहा कि जब साड़ी दुनिया भारत की तरफ देख रही है तो भारत को आर्थिक नेतृत्व देने के साथ नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करना है । विश्व समुदाय अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है, फिर चाहे आंतकवाद हो, कालेधन का लेन-देन हो या फिर जलवायु परिवर्तन ।

हिंदी में ली गई शपथ

सेंट्रल हॉल में मंगलवार को हुए भव्य समारोह में देश के प्रधान न्यायधीश जस्टिस जेएस खेहर ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई । कोविंद ने हिंदी में और ईश्वर के नाम पर शपथ ली । इस दौरान पूरा केंद्रीय कक्ष तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा । खचाखच भरे सेंट्रल हॉल के मंच पर रामनाथ कोविंद, चीफ जसिस्ट खेहर, प्रणब मुखर्जी, लोलकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी बैठे थे। शपथ ग्रहण के बाद कोविंद और उनकी पत्नी सविता को राष्ट्रपति भवन लेजाने के लिए आमंत्रित करने आये जहाँ अध्धयन कक्ष में प्रणब उनका इन्तजार कर रहे थे। इसके बाद दोनों नेता भव्य राष्ट्रपति भवन में समक्ष स्थित दालान में गए जहाँ से उन्हें सलामी मंच ले जाया गया।

भव्य स्वागत
मुखर्जी ने राष्ट्रपति के अंगरक्षकों से अंतिम सलामी ली और कोविंद के साथ काले रंग की लिमोजिन कार से रायसीना हिल्स से संसद भवन की ओर बढे । संसद भवन पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ओर प्रधान न्यायधीश जस्टिस जेएस खेहर ने प्रणब मुखर्जी ओर कोविंद का स्वागत किया।