मेडिकल प्रवेश घोटाले के आरोपी जज को हटाने के लिए की गयी सिफ़ारिश

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इलाहाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस एस. एन. शुक्ला की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं. मेडिकल प्रवेश घोटाले में इन-हाउस कमिटी ने न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला की भूमिका की जांच की है. मेडिकल ऐडमिशन घोटाले में शामिल होने के प्रमाण मिलने के बाद तीन जजों की इन-हाउस कमिटी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा द्वारा जस्टिस शुक्ला को पद से हटाने की सिफारिश की है.

क्या था पूरा मामला

जस्टिस एस. एन. शुक्ला पर मेडिकल प्रवेश घोटाले का आरोप है. इस केस में कुछ ब्लैकलिस्टेड मेडिकल कॉलेजों द्वारा छात्रों का अवैध तरीके से दाखिला कराया गया था. जस्टिस एस. एन. शुक्ला का ये कदम सीजेआई दीपक मिश्रा के आदेश का उल्लघंन था. घोटाले में सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दुसी (इशरत मसरूर कुद्दुसी) की गिरफ्तारी हुई थी. नयायमूर्ति शुक्ला की भूमिका तब नज़र में आई जब उन्होंने एक निजी मेडिकल कॉलेज को सरकारी प्रतिबंध के बावजूद छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी थी. सितंबर माह में, जब सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ स्थित जीसीआरजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस को 2017-18 सत्र के लिए छात्रों को प्रवेश देने की इजाजत देने से रोक दिया था तब न्यायमूर्ति शुक्ला ने अपने स्वयं के पीठ के आदेश में हस्तलिखित परिवर्तन किए थे.  इसके बाद जजों के पैनल ने जस्टिस एस एन शुक्ला को हटाने की सिफ़ारिश की थी.

सीजेआई दीपक मिश्रा ने रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला को हटाने की सलाह दी और अब प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उन्हें हटाने की सिफारिश की है.

एक न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया महाभियोग के समान ही है और संसद में सांसदों द्वारा मतदान के माध्यम से इस प्रक्रिया को किया जाता है.

Supreme COURTT -

दीपक मिश्रा ने जस्टिस शुक्ला को दिए विकल्प

गौरतलब है कि सीजेआई दीपक मिश्रा ने उन्हें पद से इस्तीफा देने या फिर स्वेच्छा से सेवा-निवृत्ति लेने का भी विकल्प दिया था. जस्टिस शुक्ला ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था. जस्टिस शुक्ला के इनकार के बाद चीफ जस्टिस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सभी न्यायिक कामों को जस्टिस शुक्ला से लेने के निर्देश दिए थे. उनके इस कदम से जस्टिस शुक्ला को पद से हटाने का भी रास्ता साफ हो गया था. इसके बाद सीबीआई भी जस्टिस शुक्ला के ऊपर केस दर्ज करेगा.