Republic Day Tableau Controversy : गणतंत्र दिवस झांकी को लेकर क्यों हो रहा विवाद? ममता बनर्जी के बाद अब सीएम स्टालिन ने प्रधानमंत्री को लिखा लेटर

86


Republic Day Tableau Controversy : गणतंत्र दिवस झांकी को लेकर क्यों हो रहा विवाद? ममता बनर्जी के बाद अब सीएम स्टालिन ने प्रधानमंत्री को लिखा लेटर

हाइलाइट्स

  • पश्चिम बंगाल के बाद तमिलनाडु की झांकी को भी गणतंत्र दिवस परेड में अनुमति का मामला
  • ममता बनर्जी के बाद तमिलनाडु के सीएम स्टॉलिन ने पीएम को पत्र लिख हस्तक्षेप करने को कहा
  • केंद्र ने जवाब दिया- झांकियों का चयन केंद्र सरकार नहीं, बल्कि एक विशेषज्ञ समिति करती है

नई दिल्ली
गणतंत्र दिवस परेड के लिए कुछ राज्यों की झांकियों को मंजूरी नहीं मिलने पर शुरू हआ विवाद सोमवार को तेज हो गया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद तमिलनाडु में उनके सकमकक्ष एम के स्टालिन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। केरल सहित गैर भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह केंद्र द्वारा ‘अपमान’ है।

केंद्र ने कहा-राज्यों की तरफ से आलोचना गलत परंपरा
कुछ राज्यों की झांकियों का चयन नहीं होने पर उन राज्यों द्वारा की जा रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि यह गलत परंपरा है और झांकियों का चयन केंद्र सरकार नहीं, बल्कि एक विशेषज्ञ समिति करती है। केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के प्रस्तावों को विषय विशेषज्ञ समिति ने उचित प्रक्रिया और विचार-विमर्श के बाद खारिज किया है।
Republic Day 2021: आखिर क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस, जानिए पूरा इतिहास
केंद्र और राज्यों के बीच गतिरोध का बिंदु दर्शाने का तरीका गलत
केंद्र सरकार के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक विषय आधारित प्रक्रिया के परिणाम को केंद्र और राज्यों के बीच गतिरोध का बिंदु दर्शाने का जो तरीका अपनाया है, वह गलत है। इससे देश के संघीय ढांचे को दीर्घकालिक नुकसान होगा।’ उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से कुल 56 प्रस्ताव मिले थे जिनमें से 21 का चयन किया गया। अधिकारियों ने भी कहा कि हर साल चयन की ऐसी ही प्रक्रिया अपनाई जाती है।

तमिलनाडु ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने अपने राज्यों की झांकियों को शामिल नहीं किये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया है। स्टालिन ने कहा कि झांकियों को शामिल नहीं करने से तमिलनाडु की जनता की संवेदनाएं और देशभक्ति की भावनाएं आहत होंगी। पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किये जाने पर हैरानी जताते हुए बनर्जी ने कहा था कि इस तरह के कदमों से उनके राज्य की जनता को दु:ख होगा।

navbharat times -25 कारीगर तैयार कर रहे रामलला की झांकी, थ्रीडी डिजाइन से दिया जा रहा अंतिम रूप
ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी को लिखा था लेटर
स्टालिन ने इसे “तमिलनाडु और उसके लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय” बताते हुए प्रधानमंत्री से “तमिलनाडु की झांकी को शामिल करने की व्यवस्था करने की खातिर तत्काल हस्तक्षेप” की मांग की। इसके एक दिन पहले ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान से जुड़ी पश्चिम बंगाल की झांकी को बाहर करने के केंद्र के फैसले पर हैरानी जताई थी। उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।

झांकी को मंजूरी नहीं मिलने पर जताया था ऐतराज
मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘प्रस्तावित झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान तथा इस देश के महान बेटे और बेटियों ईश्वर चंद्र विद्यासागर, रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद देशबंधु चित्तरंजन दास, श्री अरबिंदो, मातंगिनी हाजरा, नजरूल, बिरसा मुंडा और कई देशभक्तों की स्मृति में बनाई गई थी।’’

राज्य की संस्कृति और गौरव का अपमान करने का आरोप
उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर “बार-बार” और “व्यवस्थित तरीके से” उनके इतिहास, संस्कृति और गौरव का अपमान करने का आरोप लगाया। भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत रॉय ने भी सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वह गणतंत्र दिवस समारोह में पश्चिम बंगाल की झांकी को हिस्सा लेने की अनुमति दें। रॉय ने हालांकि, स्पष्ट किया कि मोदी से उनके अनुरोध को तृणमूल कांग्रेस की‘ तुष्छ राजनीति’ के समर्थन के रूप में नहीं देखा जानी चाहिए।

कांग्रेस ने भी घटनाक्रम पर जताई निराशा
कांग्रेस ने भी इस घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त की है और लोकसभा में उसके नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा। चौधरी ने कहा कि यह फैसला पश्चिम बंगाल के लोगों, इसकी सांस्कृतिक विरासत और नेताजी बोस का ‘अपमान’ है। केरल के भी अनेक नेताओं ने केंद्र की आलोचना की है। लेकिन केंद्र के एक सूत्र ने कहा, ‘‘इस विषय को क्षेत्रीय गौरव से जोड़ दिया गया है और इसे केंद्र सरकार द्वारा राज्य की जनता के अपमान के तौर पर प्रदर्शित किया जा रहा है। यह हर साल की कहानी है।’’

गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शित यूपी की झांकी को मिला पहला स्थान

समयाभाव के कारण कुछ ही प्रस्तावों को किया स्वीकार
सूत्रों ने कहा कि समयाभाव के कारण कुछ ही प्रस्तावों को स्वीकार किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि झांकी के लिए केरल के प्रस्ताव को इसी प्रक्रिया के तहत 2018 और 2021 में मोदी सरकार में ही स्वीकार किया गया था। इसी तरह 2016, 2017, 2019, 2020 और 2021 में तमिलनाडु की झांकियों को भी शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि इसी तरह 2016, 2017, 2019 और 2021 में पश्चिम बंगाल की झांकियों को मंजूरी दी गयी थी।



Source link