गया: बिहार के गया में गैंगरेप का शिकार नाबालिग पीड़िता के साथ कुछ नेताओं का असंवेदनशील हरकते सामने आई है. पीड़िता का ख्याल किये बिना ही मासूम के साथ लेने लगे जबरन तस्वीरें. इस चक्कर में आरजेडी के नेताओं ने पीड़िता की पहचान सार्वजनिक कर दी. जबरदस्ती मिलने और जबरन तस्वीर लेने के लिए बाध्य करने वाले नेताओं पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने राजद नेताओं के खिलाफ गया के मगध मेडिकल पुलिस थाना में केस दर्ज किया है. इस मामले पर इन आरजेडी नेताओं पर धारा 114,147, 149, 353, 228A, और 74 JJ एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया. इस मामले पर राजद के छह नेता समेत कुछ और नेताओं पर भी मामला दर्ज हुआ है.
बता दें कि 13 जून की रात को एक डॉक्टर अपनी पत्नी और अपनी बेटी के साथ घर जा रहें थे. तभी रास्ते में कुछ 10 से 12 लोगों ने उन्हें रुकवा लिया और और उनकी पत्नी और बेटी के साथ हैवानियत की सारी सीमाएं पार कर दी. पुलिस के मुताबिक, दरिंदो ने डॉक्टर को पेड़ से बंद दिया था. इसको विवाद के कारण बिहार में जमकर राजनीती देखने को मिल रही है.
जिन नेताओं ने पीड़िता के साथ मुलाकात और फोटो खिंचाई है उनमें से बिहार के पूर्व मंत्री आलोक मेहता, विधायक सुरेन्द्र यादव, राजद के जिलाध्यक्ष, प्रदेश और जिला की महिला विंग की अध्यक्ष भी शामिल है. जैसे ही इस मामले की विडियो वायरल हुई तो एसएसपी राजीव मिश्रा के निर्देश पर मेडिकल थाना में इनकी शिकायत दर्ज करके एफआईआर हुई.
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पुलिस ने यह मामला रेप पीड़िता की पहचान को उजागर करने और जबरदस्ती तस्वीरें खिंचावने के दौरान दर्ज की है. गया के एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि एनएमसीएच में मेडिकल जांच के लिये गयी नाबालिग पीड़िता को गाड़ी से जबरदस्ती नीचे उतार कर उसके साथ फोटो खिंचवाने के मामले में पुलिस कार्रवाई करेगी.
पीड़िता राजद नेताओं की सामने रोती रही पर जनता की इतनी भीड़ में राजद नेता उस पीड़िता से सवाल करते रहें. इस मामले पर राजद के पूर्व मंत्री आलोक मेहता मीडिया के सवाल पर सफाई देते नजर आये थे और उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने पीड़िता का सम्मान करते हुए उससे और उसके पिता से सारी जानकारी ली है. बहरहाल पुलिस ने छापेमारी कर 10 लोगों को हिरासत में लिया है. जेडीयू नेताओं ने इस मामले पर निंदा व्यक्त की है.