आदर्श और संस्कार सिखने के लिए किसी का मोहताज होना या अपनी जन्मभूमि पर रहना जरुरी नहीं है, संस्कार और संस्कृति तो दिल से होती है और इसी का जीता जागता उदाहरण है भारत के गायक संदीप बंसल, जिन्होंने अपनी पढ़ाई विदेश में की लेकिन कभी अपने संस्कार नहीं भूले, संदीप बंसल बहुत ही प्रतिभाशाली गायक है उनके बचपन से गाने का शौक उनके हुनूर को दर्शाता है
लोग कहते है की इंसान विदेश पढ़ने जाए तो अपनी संस्कृति भूल जाता है और विदेश के रंग में रंग जाता है लेकिन ऐसी बातों को गलत साबित करते हुए संदीप बंसल ने अपनी पढ़ाई पूरी की, वे ज़ी टीवी के सारे गमा पा और अंताक्षरी जैसे शो पर भी हिस्सा ले चुके है
दिल्ली के रहने वाले संदीप बंसल एक अच्छे बिजनेस मेन साथ ही उनके गाने की प्रतिभा उनमे और चार चाँद लगा देती है उनके भजन उनकी जैसे पहचान बन चुके है उनके कई भजन ऐसे है जो लोगो के लोकप्रिय है संदीप जी की अभी एक नयी एल्बम आयी है जिसका नाम है ‘जादूगर सवारियां और खिड़की नसीब की’।
हम आशा करते है की संदीप बंसल ऐसी ही और भी हिट एल्बम अपने फैंस को देते रहे। और अपनी आवाज़ का जादू इसी तरह फैलाते रहे और अपनी पहचान बनाते रहे।