एक राजकुमार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त होने पर पैसा देकर पायी आजादी

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सऊदी अरब के रियाद शहर से एक बेहद रोचक खबर सुनने में आ रही है. इसे सुन कर शायद आपको संतुष्टी हो कि अकेले हम ही भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त नही हैं. बल्कि हम से भी बड़े-बड़े लोग ये कम कर रहे हैं. यहाँ तक कि सऊदी अरब का राजकुमार भी. बाताया जा रहा है कि पिछले दिनों सऊदी अरब में हुए एक व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यवाही में वहाँ के ज्यादातर अभिजात वर्ग के लोगों ने अपनी आजादी के बदले एक अच्छी खासी मोटी रक़म अदा की है.  अटॉर्नी जनरल ने बताया कि वो सभी लोग  एक महीने में तक 5 सितारा होटल में बंद थे।

हालिया वक़्त के सबसे बड़ी कार्यवाहीका गवाह बनते हुए रियाद का रिट्ज-कार्लटन होटल अब एक अस्थायी लक्जरी जेल में तब्दील हो गया है. इस जेल में राज्य के कुलीन वर्ग के सभी लोग कैदी हैं,. जिसमें राजकुमारों, मंत्रियों और दिग्गजों सहित उच्च प्रोफ़ाइल वाले आंकड़ों के दर्जन लोग शामिल हैं.

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अटॉर्नी जनरल शेख सउद अल मोजेब ने बताया कि लगभग 320 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और 159 लोगों को अभी हिरासत में लिया गया है, जिनमें से कई ने “निपटान” के लिए सहमति व्यक्त की है या गलत तरीके से कमाए गए मुनाफे को सऊदी अरब राज्य के खजाने को सौंप देने की बात की है. 376 लोगों के बैंक खाते जब्त किए गए हैं.

मोजेब ने एक बयान में कहा, “ऐसे समझौतों को पूरा करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करी जा रही हैं.”  उन्होंने अनुमान लगाया है कि कई दशको के गबन और भ्रष्टाचार में कम से कम 100 अरब डॉलर खो गया है.

अनुमान लगाया जा रहा है कि ये सारा षड्यंत्र पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा  प्रमुख राजकुमार मितेब बिन अब्दुल्ला के लिए किया जा रहा है क्यूंकि वोगाद्दी एक मज़बूत दावेदार हैं.

कुछ विश्लेषकों का कहना है कि राजकुमार मितेब की सुरक्षा को हटाने की कोशिश प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कर रहे हैं. क्यूंकि वो सुरक्षा मंत्री भी हैं और इस तरह सुरक्षा सेवाओं पर उनका नियंत्रण मजबूत हो सके।

 

लेकिन सऊदी के अधिकारियों का कहना है कि ये कार्यवाही पूरी तरह से स्थानीय भ्रष्टाचार को साफ़ करने के लिए थी ताकि  उनकी तेल आधारित अर्थव्यवस्था में विविधता लाइ सकें.

इस कार्यवाही में सऊदी अरब के वारेन बफेट के नाम से पहचाने जाने वाले अरबपति प्रिंस अल-वालीद बिन तलल पर भी शिकन कसा गया है.

जो भी हो इतना तो तय है कि हमेशा से बचते आ रहे उच्च वर्ग को इस कार्यवाही ने जांच के घेरे में लाकर खडा कर दिया है.