तेज बहादुर की याचिका खारिज, वाराणसी से मोदी के खिलाफ नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

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वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी के ख़िलाफ़ महागठबंधन की तरफ़ से चुनावी मैदान मे उतरने वाले तेज बहादुर यादव की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया गया है, जिसमें उन्होंने वाराणसी से नामांकन रद्द होने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अदालत के इस फैसले से यूपी में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन को बड़ा झटका लगा है।

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देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने तेज बहादुर की याचिक पर सुनवाई करते हुए कहा कि उनकी याचिका में कोई मैरिट नहीं है। बता दें कि अब तेज बहादुर का चुनाव लड़ना मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि इस समय निर्वाचन अधिकारी के आदेश में दखल नहीं देंगे। आप चाहें तो चुनाव के बाद चुनाव याचिका दाखिल कर सकते हैं।


तेज बहादुर यादव ने क्या कुछ कहा था याचिका में :

  • 24 अप्रैल को भरे नामांकन फार्म में नौकरी से बर्खास्तगी के सवाल पर ग़लती से हां लिख दिया था।
  • सवाल था कि क्या आप भ्रष्टाचार या सरकार के विश्वास हनन के लिए बर्खास्त हुए। मेरी बर्खास्तगी अनुशासनहीनता के चलते हुई थी।
  • 29 अप्रैल को दोबारा भरे नामांकन में इस गलती को सुधारा। नौकरी से बर्खास्तगी का पत्र नए नामांकन के साथ लगाया गया।
  • 30 अप्रैल को शाम 6 बजे निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग से चुनाव लड़ने की योग्यता पर सर्टिफिकेट लाने को कहा।
  • 1 मई को मेरा नामांकन ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि मेरी बर्खास्तगी अप्रैल 2017 में हुई थी। मैं इसके 5 साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हूं।
  • सुप्रीम कोर्ट निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर रोक लगाए। मुझे चुनाव लड़ने की इजाज़त मिले।