हनुमान चालीसा के पीछे का वैज्ञानिक तथ्य

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हिन्दू मान्यता के अनुसार जब भी भय आपको घेरे या आपको किसी डर का आभास हो तो हनुमान चालीसा का जाप करने से उस भय का सामना करने की हिम्मत मिलती है और ईश्वर भी ऑन नकरात्मक और दुष्ट प्रेत और शक्तियों को दूर रखते है। इसका पाठ करने से भय का नाश होता है।
तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के साथ हनुमान चालीसा की भी रचना की थी। इसमें हनुमान जी के बाल्यकाल की घटनाओं के साथ प्रभु श्रीराम की सहायता, सीता माता की खोज, लंका दहन जैसी कई घटना का विवरण है।

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कहा जाता है कि जब हनुमान जी ने बाल्यकाल में सूर्यदेव को एक लाल फल समझ कर निगल गए थे, तब इंद्र ने वज्र से उन पर प्रहार कर दिया, जिससे वे गिर पड़े। इस बात को जानकर पवन देव क्रोधित हो गए। वहीं जब देवताओं को पता चला कि हनुमान जी कोई और नहीं बल्कि भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार हैं, तब उन्होंने हनुमान जी को एक-एक कर अपनी शक्तियां प्रदान कीं। हनुमान चालीसा का लगतार पाठ करने से शरीर में एक अलग सी ऊर्जा का संचार होता है। चौपाइयों में आपकी समस्याओं का समाधान छिपा है। प्रतिदिन स्नान के बाद आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो इसका चमत्कारिक लाभ आपको महसूस होगा।

hanuman puja me paan ka patta 02 04 2019 -

हनुमान चालीसा ध्यान जप का एक रूप है। दूसरे शब्दों में, यह शांति और एकाग्रता लाता है। यह नकारात्मक भावनाओं के कारण मन की आंतरिक अराजकता से दूर ले जाने का सबसे अच्छा तरीका है – क्रोध, घृणा, तनाव, डर, वासना, ईर्ष्या, घृणा। जप एक माइंड कंट्रोल तकनीक या ऑटो सोच है। यह वास्तव में एंडोर्फिन और अन्य अच्छे हार्मोन बढ़ने में मदद करता है।

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