लद्दाख सांसद: आर्टिकल 370 हटने से केवल दो परिवारों की रोजी-रोटी जायेगी

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लद्दाख के भाजपा सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल ने आज लोकसभा में कहा कि अनुच्छेद 35 ए और 370 के हटाने के कारण दो परिवार अपनी रोजी रोटी खो देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करेगा।

जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के विधेयक पर बहस में भाग लेते हुए त्सेरिंग ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई गलतियों को अब ठीक किया गया है। उन्होंने नेहरू की टिप्पणी के बारे में सदन को याद दिलाया जब उन्होंने लद्दाख क्षेत्र को ‘शांति की भूमि’ बताया था। यह बात उन्होंने तब कही थी जब यहाँ घास का एक तिनका भी नहीं उगता था। नेहरू ने 1962 में अक्साई चीन को चीन के अंडर जाने पर खारिज करते हुए यह कहा था कि भारत इस बंजर भूमि पर चीन के कब्जे से कुछ भी नहीं खोएगा।

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लद्दाख के सांसद ने कहा कि लद्दाख के लोग पिछले 71 वर्षों से केंद्र शासित प्रदेश के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि वे भारत का अभिन्न अंग बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोगों ने मांग की थी कि इस क्षेत्र को केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में रखा जाना चाहिए, या एनईएफए (अरुणाचल प्रदेश) या पूर्वी पंजाब में शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन इसे जम्मू और कश्मीर के साथ शामिल नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन उस समय की सरकार ने यह नहीं सुना।

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उन्होंने कहा कि दो परिवार कश्मीर के मुद्दे पर बात करते हैं लेकिन वे इसकी समस्या का समाधान नहीं चाहते हैं, वे घमंड में हैं उन्हें अभी भी लगता है कि कश्मीर उनके बाप की ‘जागीर’ है, लेकिन ऐसा नहीं है, यह अब नहीं है। त्सेरिंग का इशारा साफ़ तौर पर मुफ़्ती और अब्दुल्लाह परिवार की तरफ था। आपको बता दें इन दोनों परिवारों की पार्टियां ही जम्मू और कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी है। महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्लाह से पहले इनके पिता ही जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे थे। यही दोनों परिवार ही है जो कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे का समर्थन करता था।