एमपी सरकार की सौगात, प्रदेश में खुलेंगे सात नए कॉलेज

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एमपी सरकार की सौगात, प्रदेश में खुलेंगे सात नए कॉलेज
एमपी सरकार की सौगात, प्रदेश में खुलेंगे सात नए कॉलेज

एमपी में आज शिवराज सरकार की कैबिनैट की बैठक हुई। इस कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलें लिये गये। इस बैठक में न सिर्फ शिवराज सरकार ने कई अहम फैसलें लिये बल्कि कई प्रस्तावों को पारित भी किया। आज एमपी की कैबिनेट ने 12 करोड़ 59 लाख रुपए में होटल लेक व्यू अशोका को खरीदे जाने पर अपनी मुहर लगा दी।

जी हाँ, आज एमपी की शिवराज सरकार की कैबिनेट ने 7 नए कॉलेजों को मंजूरी देने के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग सरकारी कॉलेजों में 439 नए पदों को भी मंजूरी दी है। इसके साथ ही राज्य मानवाधिकार आयोग में प्रधान आरक्षक के 4 नए पदों को भी मंजूरी दी गई है। एमपी सरकार के इस फैसलें से प्रदेश की जनता खुश दिखाई दे रही है, खासकर युवा वर्ग, क्योंकि अब उन्हें पढ़ने के लिए दूसरे राज्यों में नहीं भटकना पड़ेगा, हालांकि यह बात अभी दूर की है, क्योंकि अभी तो सिर्फ प्रस्ताव ही पारित हुआ है, कॉलेज बनने में तो सालों लग जाएंगे। सीएम शिवराज की कैबिनेट ने राज्य तिलहन संघ के 260 कर्मचारियों के संविलियन के समय को 6 महीने बढ़ाने का भी फैसला किया है।

जानिए, सीएम शिवराज की कैबिनेट बैठक के बड़े फैसले

-प्रदेश में खुलेंगे सात नये कॉलेज
-देवास में उद्योगों को नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना से पानी दिए जाने का प्रस्ताव हुआ पारित
-नगर निगम देवास की ओर से क्षिप्रा नदी पर जल संग्रहण क्षेत्र के नि:शुल्क उपयोग की अनुमति दी गई.
-जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर हाईकोर्ट में महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता और सरकारी वकीलों के मानदेय में भी बढ़ोत्तरी की है।
-महाधिवक्ता को अब 80 हजार के बजाए 1 लाख 80 हजार मानदेय दिया जाएगा। साथ ही अतिरिक्त महाधिवक्ता को 1 लाख 75 हजार,उप महाधिवक्ता को 1 लाख 60 हजार सरकारी वकील को 1 लाख 25 हजार और उप शासकीय अधिवक्ता को 1 लाख रुपए मानदेय दिया जाएगा।

इन तमाम फैसलों के साथ ही कैबिनेट ने किसान कल्याण और कृषि कल्याण के तहत आत्मा योजना को साल 2017-18 में भी 1358 पदो के साथ जारी रखने का फैसला लिया है। इसके साथ ही कैबिनेट में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

साथ ही छिंदवाड़ा में अडानी ग्रुप की पेच थर्मल पावर परियोजना को मंजूरी के प्रस्ताव को दोबारा कैबिनेट लाने का फैसला हुआ है। कैबिनेट के मुताबिक परियोजना से 40 प्रतिशत बिजली नहीं खरीदा जाना है, नए सिरे से इसके प्रस्ताव को कैबिनेट में लाने का फैसला हुआ है।
बहरहाल, कैबिनेट में बहुत सारे प्रस्ताव पारित हुए, लेकिन सरकार इन प्रस्तावों से जनता को मिलने वाली सुविधा या लाभ को जल्द से जल्द जनता तक पहुँचाने का कार्य करें ताकि जनता की विश्वसनीयता सरकार पर बनी रहे।