राज्यसभा में शरद यादव की बोलती बंद

564

जदयू नेता शरद यादव के बगावती तेवर को देखते हुए पार्टी ने उनपर बड़ी कार्रवाई की है। जदयू ने शरद यादव को राज्यसभा के पद से हटाने के लिए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र सौंपा है। उनकी जगह आरसीपी सिंह को राज्यसभा पद का नेता चुना गया है और अब जदयू की ओर से आरसीपीसिंह राज्यसभा के सदस्य होंगे।

शरद यादव पर यह बड़ी कार्रवाई पार्टी की खिलाफत करने के लिए की गई है। बता दें कि शरद यादव अभी बिहार दौरे पर हैं। अगर शरद यादव राष्ट्रीय  कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें पार्टी से निलंबित भी किया जा सकता है।

जदयू नेता नीरज कुमार ने पार्टी के फैसले को सही करार देते हुए कहा है कि उनपर कार्रवाई करना जरूरी था। वो बेवजह पार्टी के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दे रहे थे। उन्हें अपने पद की गरिमा और पार्टी की शुचिता का भी ख्याल नहीं रहा। वो दरअसल लालू यादव की भाषा बोलने लगे थे और लालू यादव के भ्रष्टाचार में उनका साथ दे रहे थे। ऐसे में पार्टी नेतृत्व ने उनपर ये कार्रवाई की है, जो बिल्कुल सही है।

वहीं राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि जदयू को शरद यादव पर कार्रवाई करना महंगा पड़ेगा। जिस शरद यादव ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था। वो जदयू के संस्थापक करने वाले नेताओं में से एक हैं और उनपर इस तरह की कार्रवाई नीतीश कुमार को महंगी पड़ेगी।

देखना होगा कि पार्टी में अपने समर्थकों की बात करने वाले शरद यादव का अगला कदम क्या होगा? अब तो ये साफ तौर पर जाहिर हो जाएगा कि वास्तव में जदयू के अंदर शरद यादव के ढेर सारे समर्थक हैं या शरद यादव ऐसे ही डींगे हांक रहे थे। अगर शरद के समर्थक हैं भी तो वो खुल के सामने आते हैं कि नहीं? अगर नहीं आते हैं तो ऐसे समर्थकों का क्या फायदा जो कठीन घड़ी में साथ ना दे पाए।