हम सभी जानते हैं कि धूम्रपान का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है। आपको बता दें धूम्रपान महिला और पुरुष के जनन प्रकिया पर भी बहुत खतरनाक असर डालता है। धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने के अलावा दिल, गुर्दे और शुक्राणुओं को भी हानि पहुंचाता हैं। यह पुरुषों और महिलाओं में बांझपन का कारण बन सकता है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में बांझपन की संभावना को 60% तक बढ़ जाती है।
धूम्रपान का एक्टोपिक गर्भावस्था से संबंध हो सकता है और इसके कारण फैलोपियन ट्यूबों में समस्या आ सकती है। एक्टोपिक गर्भावस्था में, अंडे गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाते हैं और ये जाकर फैलोपियन ट्यूब के अंदर प्रत्यारोपण हो जाते है। यही वजह है कि गर्भाशय में बदलाव आ सकता है जिसका नतीजा यह होता है कि गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान में सबसे ज्यादा महिलाएं सिगरेट का सेवन ज्यादा करती हैं। सिगरेट में मौजूद केमिकल अंडाशय के अंदर एंटीऑक्सीडेंट स्तर में असंतुलन पैदा कर सकते हैं। अंडाशय में असंतुलन होने निषेचन प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है। निषेचन क्रिया प्रभावित होने पर इम्प्लांटेशन में कमी आ जाती है।
इसके अलावा अगर गर्भावस्था के समय महिलाएं धूम्रपान करती हैं तो बच्चे पर इसका असर पड़ता है। जो भी महिलाएं धूम्रपान करती हैं उन्हें प्रसव पीड़ा ज्यादा हो सकती है और स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित बच्चों को जन्म दे सकती हैं।
तम्बाकू के कारण क्रोमोसोम को भी नुकसान होता है। शुक्राणु में DNA फ्रैगमेंटेशन हो सकता है। धूम्रपान शुक्राणु को नुकसान पहुंचाते हैं जिसके कारण निषेचन की संभावना बहुत कम हो जाती है और महिला या पुरुष बांझ का शिकार हो जाते हैं।