Sony-Zee deal: सात समंदर पार बैठक से तय होगा सोनी-जी मर्जर डील का भविष्य!

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Sony-Zee deal: सात समंदर पार बैठक से तय होगा सोनी-जी मर्जर डील का भविष्य!

हाइलाइट्स

  • सोनी-जी मर्जर डील अंतिम चरण में पहुंची
  • क्रिसमस से पहले हो कर सकते हैं हस्ताक्षर
  • 22 सितंबर को हुई थी इस डील की घोषणा
  • इनवेस्को ने डील पर उठाई हैं कुछ आपत्तियां

नई दिल्ली
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises) और सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट (Sony Pictures Entertainment) के मर्जर की डील अंतिम चरण में पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक क्रिसमस से पहले बाइडिंग मर्जर एग्रीमेंट (binding merger agreement) पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। इससे जी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर इनवेस्को (Invesco) द्वारा उठाई गई कुछ आपत्तियों का समाधान हो जाएगा। इनवेस्को की जी में 17.88 फीसदी हिस्सेदारी है। मैनेजमेंट कंट्रोल और दूसरे मुद्दों को लेकर इनवेस्को ने जी को कोर्ट में घसीटा है।

जी के सीईओ पुनीत गोयनका (Punit Goenka) पिछले हफ्ते लॉस एंजिलिस गए थे जहां उन्होंने सोनी के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की थी। 22 सितंबर को दोनों कंपनियों ने विलय पर सहमति जताई थी। दोनों कंपनियों के बीच बनी सहमति के मुताबिक गोयनका मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी के सीईओ बने रहेंगे लेकिन वह बोर्ड में जी के अकेले एग्जीक्यूटिव होंगे। 9 सदस्यों वाले बोर्ड में 5 सदस्य सोनी के होंगे। साथ ही इसमें 3 इंडिपेंडेंट डायरेक्टर होंगे जिनमें से 1 या 2 जी के मौजूदा बोर्ड के हो सकते हैं।

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बोर्ड चलाएगा कंपनी
मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इस कंपनी को बोर्ड चलाएगी और इसमें सोनी की बड़ी भूमिका होगी। माना जा रही है कि दोनों कंपनियों की तरफ से इस डील पर काम कर रही टीम शेयरहोल्डर्स की चिंताओं को दूर करने की कोशिश में जुटी है। यानी ऐसी व्यवस्था जिससे जी की प्रमोटर फैमिली को अपनी शेयरहोल्डिंग 3.99 से बढ़ाकर 20 फीसदी करने की अनुमति दी जाएगी। सितंबर में हुई घोषणा में केवल इतना कहा गया था कि यह नियमों के मुताबिक होगा। इसकी हर कोई अपने हिसाब से व्याख्या कर रहा है।

जी साफ कर सकती है कि इस प्रक्रिया में किसी दूसरे शेयरहोल्डर पर असर नहीं होंगे। शेयरों की खरीद खुले बाजार से उस समय चल रहे मार्केट प्राइस पर की जाएगी। 12 अक्टूबर को इनवेस्को ने इस डील को सपोर्ट करने की बात कही थी लेकिन साथ ही कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा था। सोनी मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी की अकेली प्रमोटर होगी और उसके पास 53 फीसदी हिस्सा होगा। सोनी ने साथ ही इस कंपनी में 1.58 अरब डॉलर निवेश की भी बात कही थी। जी और इनवेस्को ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया। सोनी ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया।

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इनवेस्को का रुख
सूत्रों के मुताबिक इनवेस्को आने वाले दिनों में सोनी के मैनेजमेंट से मिलकर इस डील पर स्पष्टीकरण मांग सकता है। अगर उसे अपने सवालों का संतोषजनक जवाब मिलता है तो वह अपने रुख में नरमी ला सकता है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि अदालत में चल रहे मामले में इनवेस्को का क्या रुख होगा। इनवेस्को ने जी के मौजूदा डायरेक्टर्स को हटाने और नए लोगों को नियुक्त करने की मांग की है। वह इसके लिए ईजीएम बुलाने पर आमादा है।

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