महिला उत्पीड़न और ऐसिड अटैक जैसे मामलों पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. रेप पीड़िताओं और ऐसिड अटैक जैसी घटनाओं का शिकार हुई महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए नैशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ने मुआवजे की राशि तय की है.
कितनी राशि देने का किया वादा
आज अथॉरिटी ने केंद्र सरकार से मशविरे के बाद रेप वाले मामले में न्यूनतम रकम 5 लाख रुपए रखी है. जबकि एसिड अटैक वाले मामले में 7 लाख रुपये मुआवजा दिए जाएगा. इस संबंध में सभी राज्यों को एक हफ्ते के भीतर स्कीम भेजा दी जाएगी, जिसके बाद इस स्कीम का पालन सभी राज्यों को करना होगा. बता दें कि शरीर के किसी भी अंग को नुकसान पहुंचने या फिर 80 फीसदी तक विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा अगर गंभीर रूप से चोट लगी है तो लगभग 2 लाख रुपये देने का प्रावधान है. वहीं अगर भ्रूण को नुकसान पहुंचने या फिर गर्भपता होने की स्थिति में भी न्यूनतम 2 लाख रुपये की राहत राशि दिए जाने का भी ऐलान किया गया है. अगर पीड़िता की किसी भी घटना के उपरांत मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 10 लाख रुपये की राशि मिलेगी.
वहीं अथॉरिटी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर यह स्कीम तैयार की गई है. जिसके तहत रेप, गैंगरेप और ऐसिड अटैक से पीड़ित ग्रामीण महिलाओं और पीड़ित परिवारों को इस न्यूनतम राशि के तहत मदद प्रदान की जाएगी.
इस आदेश से पहले महिला उत्पीड़न और ऐसिड अटैक के मसले पर सभी राज्य अपने हिसाब से मुआवजा मुहैया करती थी. किसी राज्य में यह रकम 20 हजार थी, जबकि कहीं पर दो लाख रुपए के रूप में मुआवजा दिया जाता है. अब जब से सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा की रकम की घोषणा कर दी है तो ऐसे में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा. अब सभी पीड़िताओं को स्कीम में जो मुआवजे की राशी का ऐलान किए है उसी के आधार पर राशी अदा की जाएगी.
आपको यह बता दें कि नैशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटीने मुआवजे की राशि को रिलीफ पालिसी के अंतर्गत तय किया था. जिस पर कोर्ट अपनी सहमती दें चुका है. वहीं नैशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ने इस मामले से जुडी रकम के बारे में केंद्र सरकार के साथ भी चर्चा की थी, जिसमे यह फैसला हुआ कि मुआवजे की रकम को कम से कम पांच लाख से लेकर सात लाख तक दिया जाएगा.