अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने लिखित दस्तावेजों को जमा करने के लिए सभी पक्षों को तीन दिनों का समय दिया है। स
ुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के लिए आज शाम 5 बजे तक का समय लिया था, लेकिन यह एक घंटे पहले ही पूरी कर ली गई है।
आज सुनवाई की शुरुआत से ही तीखी दलीलें दी गई। मौका दिए जाने पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से दलील देनी शुरू की गईं, तो अदालत का माहौल गर्म था।
हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से अदालत में किताब दी गई जिस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने विकास सिंह की ओर से दिए गए नक्शे को भी फाड़ दिया। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सख्त ऐतराज जताया।
आपको बता दें कि पूरा देश आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतज़ार में था। यह मामला करीब 70 सालों से चला आ रहा है।
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इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2010 में अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।