सुप्रीम कोर्ट ने कहा अब से अयोध्या विवाद की सुनवाई ‘ज़मीन विवाद’ के रूप में होगी, 14 मार्च को अगली सुनवायी

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा अब से अयोध्या विवाद की सुनवाई ‘ज़मीन विवाद’ के रूप में होगी, 14 मार्च को अगली सुनवायी

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख़ तय कर दी है. सभी पक्षों की तरफ से ज़रूरी कागज़ी कार्रवाई पूरी होने के बाद आज तीन जजों की बेंच बैठी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी को वक्त देते हुए कहा था कि सभी पक्ष तैयार होकर आएं, अब सुनवाई नहीं टाली जाएगी.

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जतायी असमर्थता

अयोध्या मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि अभी उन्हें दस्तावेजों के अनुवाद के लिए कुछ और समय चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 14 मार्च को होगी. कोर्ट ने 7 मार्च तक सभी दस्तावेजों को जमा करने के लिए कहा है. इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता रामलला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से एज़ाज मकबूल ने कोर्ट में कहा है कि अभी दस्तावेज़ का अनुवाद पूरा नहीं हुआ है, जिन्हें सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश किया जाना है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि अभी दस किताबें और दो वीडियो कोर्ट के सामने पेश किए जाने हैं. 42 हिस्सों में अनुवादित दस्तावेज कोर्ट में जमा किए जा चुके हैं.

वहीं गुरुवार को सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल मौजूद नहीं रहे. मामले में हिंदू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि दोनों पक्षकार मामले की रोज़ाना सुनवाई करने के पक्ष में हैं. हालांकि कोर्ट अगली सुनवाई यानी 14 मार्च को इस पर फैसला लेगा.

Supreme court -

अयोध्या विवाद नहीं ‘ज़मीन विवाद’

केस की सुनवाई के दौरान  चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वह इस विवाद को ‘जमीन विवाद’ के तौर पर देखेंगे, आस्था के विषय के रूप में नहीं देखेंगे. कोर्ट ने कहा कि कोई नया पक्षकार इस मामले में और नहीं जोड़ा जाएगा. कोर्ट ने सभी पक्षों को दो हफ्ते में दस्तावेज तैयार करने का आदेश दिया. साथ ही पीठ ने यह स्पष्ट किया कि उसका इरादा इस मामले को कभी भी रोजाना सुनने का नहीं रहा है. आज की सुनवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही थी क्योंकि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा अन्य की इस दलील को खारिज किया था कि याचिकाओं पर अगले आम चुनावों के बाद सुनवाई हो.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों से हाईकोर्ट रिकॉर्ड में शामिल सभी वीडियो को दस्वावेज में शामिल करने को कहा है. इसके अलावा कोर्ट ने अपने धार्मिक ग्रंथों की अनुवादित कॉपी को भी जमा करवाने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि पहले इस मामले की प्रमुख याचिका पर पूरी सुनवाई की जाएगी. इसके बाद अन्य याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी.