थायरॉइड ग्लैंड एक छोटा सा अंग है जो गर्दन के सामने होता है, जो विंडपाइप के चारों ओर लिपटा होता है। , थायरॉइड ग्लैंड के द्वारा जहां वे पदार्थ बनाते हैं और छोड़ते हैं जो आपके शरीर को एक विशिष्ट कार्य करने में मदद करते हैं। आपका थायराइड हार्मोन बनाता है जो आपके शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब आपका थायराइड ठीक से काम नहीं करता है, तो यह आपके पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है।थायराइड बीमारी आजकल की लाइफ स्टाइल में आम बीमारी बना गई है।
इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन हो जाना।महिलाओ में थायराइड का मुख्य कारण ऑटोम्यून्यून की समस्या होने से है। ऑटोम्यून्यून थायराइड रोग (एआईटीडी) है. यह जेनेटिक स्थिति है. जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी उत्पन्न करती है. ये थायराइड ग्रंथियों को अधिक हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करती है.एक स्टडी के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड विकार का खतरा दस गुना ज्यादा रहता है।
अगर थायराइड के लक्षण की बात करे तो दिल तेजी से धड़कना, हाइपरथायरायडिज्म में वजन घटना, अत्यधिक पसीना आना, गर्मी न झेल पाना, ठीक से नींद न आना, प्यास लगना, हाथ कांपना, कमजोरी, चिंता, और अनिद्रा शामिल हैं. हाइपोथायरायडिज्म में सुस्ती, थकान, कब्ज, धीमी हृदय गति, ठंड, सूखी त्वचा, बालों में रूखापन, अनियमित मासिकचक्र और इन्फर्टिलिटी के लक्षण देखे जा सकते है। जो काफी ही गंभीर विषय है।
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आपको साथ ही यह बताना चाहेंगे की थायराइड दो प्रकार के होते है। हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म अगर बात करे हाइपरथायरायडिज्म तो इसमें से एट्रियल फिब्रिलेशन, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर होने की संभावना बनी रहती है. वहीं हाइपोथायरायडिज्म, मायक्सेडेमा कोमा और मृत्यु तक की नौबत आजाती है जो काफी गंभीर विषय है।
अगर खुद को इस घातक बीमारी से दूर रखना है तो शारीरिक गतिविधि जैसे एक्सरसाइज , जॉगिंग इत्यादि करते रहे। ज्यादा स्ट्रेस न ले , मैडिटेशन करे , योग नियमित रूप से करे। आपने वजन पर ध्यान दे।