अजीबोगरीब परंपरा: गांव का दोष खत्म करने नाबालिग लड़की की कर रहे थे शादी, प्रशासन ने पहुंचकर रुकवाई

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अजीबोगरीब परंपरा: गांव का दोष खत्म करने नाबालिग लड़की की कर रहे थे शादी, प्रशासन ने पहुंचकर रुकवाई

अशोकनगर, पयोद शर्मा : जिले के टकनेरी गांव का में बाल विवाह (child marriage in ashoknagar) कराए जाने का मामला सामने आया है। बाल विवाह के पीछे एक अजीब परंपरा (peculiar tradition) बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इस गांव में 3 साल से शादी कार्यक्रम नहीं हुए हैं, इस दोष (Marrying a minor girl to remove blame of village) को हटाने के लिए गांव के लोग 16 साल की लड़की का विवाह करा रहे थे। इस नाबालिग लड़की को हल्दी मेहंदी लग चुकी थी और मंडप भी सज चुका था और शाम को बारात आने वाली थी, लेकिन जैसे ही मामले की सूचना प्रशासन को लगी तो मौके पर पहुंचकर शादी रुकवा दी और दुल्हन सहित परिवार वालों को उठाकर के थाने ले गए।

इस बाल विवाह को तो प्रशासन ने रुकवा दिया। लेकिन, इस ग्रामीण इस शादी के पीछे गांव का दोष हटने की बात कर रहे थे। उनका कहना है कि जिस बालिका की शादी हो रही थी उसी परिवार के सदस्यों का इस घटना से लेना देना था इसलिए गांव के लोग उसी घर की बच्ची का पहला विवाह करा रहे थे जिसके बाद गांव में शादी शुरू हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
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बाइक से थाने पहुंचा दूल्हा
प्रशासन को जब नाबालिगों के विवाह की जानकारी लगी तो महिला बाल विकास के अधिकारी एवं पुलिस प्रशासन गांव पहुंचा। जहां पर दो लड़कियों का एवं दो लड़कों का विवाह किया जा रहा था। जिसमें चारों नाबालिग थे, प्रशासन ने चारों दूल्हा-दुल्हन के दस्तावेजों की जांच की, तो वह नाबालिग पाए गए, जिसके बाद विवाह को रुकवा दिया एवं चारों दूल्हा- दुल्हन और उनके परिजनों को उठा कर के थाने ले जाया गया। इस बीच एक दूल्हा बाइक पर बैठकर पुलिस के साथ थाने पहुंचा, जिसका कहना था कि आज शाम को उसकी बारात जानी थी और वह तैयार बैठा था, लेकिन प्रशासन शादी में पहुंच गया और फिर बाइक पर बैठा कर उसे दुल्हन के घर ले जाने की बजाय पुलिस थाने ले आए।
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अजीब रीति-रिवाज
ग्रामीणों ने बताया कि भगवती के चाचा पर उसकी पत्नी की हत्या का आरोप है और वह जेल में बंद है। इसी वजह से उसके परिवार को 3 साल पहले गांव व समाज ने प्रतिबंधित कर दिया गया था। साथ ही लोग अपने घरों में भी लड़कियों की शादी नहीं करते थे, जिसके लिए वह 3 साल से गांव के बाहर अन्य जगह जाकर अपने बच्चों की शादी कर रहे हैं। वहीं, दोषी परिवार को गांव के सार्वजनिक हेड पंप से पानी भरने की इजाजत भी नहीं थी, इस तरह के रीति-रिवाज इस गांव में प्रचलित है ऐसे में इस गांव का यह दोष खत्म करने के लिए परिवार के घर में ही विवाह कराए जा रहा था, इसके बाद इस परिवार का और गांव का दोष खत्म हो जाता और लोग इसे फिर अपनी समाज में शामिल कर लेते।
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50 हजार में भाई ने खुद को गिरवी रखा

गांव में अधिकतर आदिवासी बस्ती है, ऐसे में गरीबी एवं आर्थिक तंगी के चलते अपना जीवन यापन कर रहे। आदिवासी परिवार में अपने से छोटे भाई बहनों की शादी के लिए बड़े भाई ने अपने आप को गिरवी रख दिया। तकनेरी गांव के 18 वर्षीय हेमंत एवं उसकी 16 वर्षीय बहन रुकमणी की एक ही दिन शादी थी। गांव में शादी नहीं होती इसलिए भाई-बहन को दूसरे गांव ले जाने की तैयारी थी। बाल विवाह की जानकारी मिली तो प्रशासन की टीम दोनों भाई बहन को उठा कर थाने ले गई जिसके बाद रिश्तेदार ऑटो में बैठ कर उन्हें छुड़वाने के लिए थाने पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि छोटे भाई बहनों की शादी कराने के लिए बड़े भाई ने 50 हजार रुपए में 1 साल के लिए अपने आप को कार्य करने के लिए गिरवी रखा है।

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