अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे मिले हुए हैं … आखिर सचिन पायलट को ऐसा बोलने की क्यों आई नौबत ?

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अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे मिले हुए हैं … आखिर सचिन पायलट को ऐसा बोलने की क्यों आई नौबत ?

अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे मिले हुए हैं … आखिर सचिन पायलट को ऐसा बोलने की क्यों आई नौबत ?


जयपुर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ आर पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के मुखिया अशोक गहलोत पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। जयपुर में मीडिया से रूबरू होते हुए पायलट ने कहा कि साढ़े चार साल पहले जब हम विपक्ष में थे और वसुंधरा राजे की सरकार थी। तब बीजेपी की तत्कालीन सरकार के खिलाफ हम सब ने 45 हजार करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जनता के बीच जाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं ने वादा किया था कि जब हम सत्ता में आएंगे तो इन घोटालों की जांच कराएंगे।

11 अप्रेल को अनशन पर बैठेंग सचिन

पायलट ने इस बात पर दुख जताया कि हमें सरकार में आए हुए सवा चार साल हो गए। इसके बावजूद भी कांग्रेस सरकार ने जनता से किया वादा पूरा नहीं किया। वादे याद दिलाने के लिए पायलट ने दो बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखे लेकिन उनके पत्रों का कोई जवाब उन्हें नहीं मिला। पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग करते हुए सचिन पायलट अब अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठेंगे। वे 11 अप्रेल को जयपुर के शहीद स्मारक पर एक दिन के अनशन पर बैठेंगे।

वसुंधरा राजे से मिले हुए हैं अशोक गहलोत

जयपुर में अपने सरकारी आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए सचिन पायलट ने कहा कि पहले हमने ही जनता के बीच जाकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच की मांग उठाई थी। अब सत्ता में आने के बाद हम उन मामलों की जांच नहीं कराएंगे तो जनता हम पर भरोसा कैसे करेगी। छह -सात महीनों बाद फिर से चुनाव आने वाले हैं। हम कांग्रेसी नेता किस मुंह से जनता के सामने जाएंगे।

पायलट ने कहा कि अगर हम भ्रष्टाचार के मामलों की जांच नहीं कराएंगे तो जनता को लगेगा कि सरकार के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिले हुए हैं। विपक्षी लोग भी इसे मुद्दा बना सकते हैं कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। राजे के कार्यकाल की जांच के लिए सरकार के मुखिया को उनके वादे याद दिलाने के लिए पायलट 11 अप्रेल को एक दिवसीय धरने पर बैठेंगे।

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पहले भ्रष्टाचार के सबूत थे तो क्या अब नहीं ?

सचिन पायलट ने कहा कि वे प्रतिशोध और द्वैषतापूर्वक कार्रवाई का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन जब हम विपक्ष में थे तब कांग्रेसी नेताओं के पास वसुंधरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार के पूरे सबूत थे। हम कांग्रसी नेता मिलकर राज्यपाल के पास गए थे। वहां ज्ञापन देकर भ्रष्टाचार के जांच की मांग उठाई थी। पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत सहित हम कई नेताओं ने राष्ट्रपति, सीएजी और सीबीसी को ज्ञापन देकर भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग की थी। हम तमाम सबूत लेकर जांच एजेंसियों के पास गए थे लेकिन अब हम प्रदेश में सत्ता में हैं लेकिन सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए 45 हजार करोड़ रुपए के घोटालों की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाए। पहले हम ही सीबीआई की जांच की मांग करते थे लेकिन पिछले सवा चार साल में हमने सीबीआई जांच कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए।

जांच एजेंसियों का कोई उपयोग नहीं कर रही सरकार

पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार तो सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दुरुपयोग कर रही है। पिछले 8 सालों में 95 फीसदी छापों की कार्रवाई विपक्षी नेताओं के खिलाफ हुई। राजस्थान की कांग्रेस सरकार यहां की जांच एजेंसियों का कोई उपयोग नहीं कर रही है। उनका सदुपयोग करना चाहिए लेकन वो भी नहीं किया जा रहा है।

पायलट ने कहा कि अगर सीबीआई जांच नहीं दे सकते तो राजस्थान की किसी जांच एजेंसी से जांच करा लेते। सरकार की ओर से ऐसा नहीं करने से पायलट ने काफी दुख जताया। पायलट ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस लीडरशिप को भी इसके बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि हमारे भाषणों से ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हम केवल चुनावी लाभ के लिए ये मुद्दे उठाए थे। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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