आईएमडी की गलत भविष्यवाणियों से खराब हो रही फसलें, किसान नेता ने दी कोर्ट जाने की धमकी

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आईएमडी की गलत भविष्यवाणियों से खराब हो रही फसलें, किसान नेता ने दी कोर्ट जाने की धमकी

भोपाल
मध्य प्रदेश के एक किसान नेता ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की गलत भविष्यवाणियों के खिलाफ अदालत जाने की चेतावनी दी है। मालवा क्षेत्र के किसान संगठन के नेता ने कहा है कि मौसम विभाग की गलत भविष्यवाणियों के चलते हाल के दिनों में उनकी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। दूसपी ओर, एक वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने कहा है कि किसानों को गुमराह किया गया है। उन्होंने दावा किया कि एक निजी मौसम सेवा ने आईएमडी के पूर्वानुमान के विपरीत इस साल मानसून जल्द आने की भविष्यवाणी की थी।

भारतीय किसान संघ के मालवा प्रांत के प्रवक्ता भरत सिंह बैस ने बुधवार को दावा किया कि ज्यादातर मामलों में आईएमडी की ओर से जारी मौसम की भविष्यवाणी विफल रही है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि वे आईएमडी के गलत पूर्वानुमानों के खिलाफ अदालत में जाने की योजना बना रहे हैं और इस संबंध में अंतिम फैसला जल्द ही किया जाएगा।

उज्जैन के किसान नेता बैस ने कहा कि कई बार किसान आईएमडी के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बुवाई के लिए खुद को तैयार करते हैं, लेकिन गलत पूर्वानुमानों के कारण उन्हें भारी नुकसान हुआ। उन्होंने हाल में हुई भारी बारिश का हवाला देते हुए कहा कि इसमें भी बोई गई फसलों को काफी नुकसान हुआ। ऐसे में किसान आईएमडी के पूर्वानुमान पर भरोसा नहीं कर सकते।

बैस ने कहा कि अमेरिका और अन्य देशों में मौसम का पूर्वानुमान सटीक होता है और लोग उसके अनुसार खुद को तैयार कर सकते हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘ भारत में सरकार भारी पैसा खर्च कर रही है लेकिन मौसम के पूर्वानुमान गलत निकल रहे हैं।’’

बैस ने कहा कि मौसम विभाग के गलत पूर्वानुमान के कारण प्रदेश में किसानों को हुए नुकसान का वह डाटा एकत्र कर रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्षों के गलत पूर्वानुमानों का डाटा भी जुटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंकड़े जमा करने के बाद हम अगले माह एक बैठक में इस मामले में अदालत में जाने के बारे में फैसला करेंगे।

इधर, आईएमडी भोपाल केन्द्र के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने आरोपों का खंडन किया और बताया कि एक से अधिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान से किसान गुमराह हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को यह जांचना चाहिए कि क्या उनके पास वास्तविक स्रोत से जानकारी आ रही है। वैज्ञानिक ने दावा किया कि एक निजी एजेंसी ने आईएमडी के पूर्वानुमान के विपरीत मानसून के जल्द आने की बात कही थी। हो सकता है किसानों को इससे समस्या हुई हो।

मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि कई जिलों में स्वघोषित मौसम विज्ञानी पूर्वानुमान लगा रहे थे जैसे कि वे आईएमडी के प्रतिनिधि हों। उन्होंने कहा, ‘‘ इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। यह किसानों की समस्या नहीं है, बल्कि कुछ नेताओं ने मुआवजा पाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया।’’ उन्होंने मीडिया को भी मौसम संबंधी पूर्वानुमान प्रकाशित करते समय सतर्क रहने की सलाह दी।

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