आदिवासी महिला से छेड़छाड़ मामले में पुलिस सवालों के घेरे में!, कांस्टेबल सस्पेंड

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आदिवासी महिला से छेड़छाड़ मामले में पुलिस सवालों के घेरे में!, कांस्टेबल सस्पेंड

उदयपुर
राजस्थान के उदयपुर जिले में एक आदिवासी महिला के साथ पुलिस कान्स्टेबल की ओर से छेड़छाड़ करने के मामले में कार्रवाई कर दी गई है। दरअसल रविवार को यह जानकारी मिली थी कि जिले के आदिवासी बाहुल्य पानरवा थाना क्षेत्र में पुलिस की ओर से महिला के साथ दुर्व्यहार किया गया। वहीं एक पुलिस कांस्टेबल ने उसके साथ दुष्कर्म की प्रयास भी किया। यही नहीं विवाहिता से चौकी में खाना बनवाकर जुठे बर्तन भी साफ करवाए गए। घटना के तीन बाद विधायक के दर्जनों ग्रामीणों के थाने पहुंचने पर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। वहीं मामले के तूल पकड़े जाने के बाद अब पुलिस महकमें की ओर से कॉस्टबेल को सस्पेंड कर दिया गया है। वही एएसआई और थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

गुमशुदगी के मामले में महिला से करनी थी पूछताछ
दरअसल कांस्टेबल जितेन्द्र और सहायक उपनिरीक्षक राजकुमार विवाहिता आदिवासी महिला और उसके माता-पिता और एक स्थानीय व्यक्ति को गुमशुदगी की एक शिकायत की जांच के सिलसिले में एक निजी वाहन से गुजरात ले गए थे। पुलिस को शक था कि महिला चार साल से लापता एक बच्ची के ठिकाने के बारे में जानती थी। लेकिन इस मामले की जांच के दौरान पुलिस की ओर से महिला के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। वहीं पुलिसकर्मियों की ओर से ज्यादती की गई। इस पूरी घटनाक्रम में पुलिस वालों ने सभी नियमों को ताक पर रख दिया और अपनी मनमर्जी चलाई।

स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज
पुलिस के अनुसार दोनों पुलिसकर्मी शुक्रवार को बिना महिला कांस्टेबल के उन्हें गुजरात ले गए। गुजरात जाने से पहले महिला और उसके माता-पिता को गुरुवार रात को पुलिस चौकी में रखा गया, जहां महिला के साथ कांस्टेबल ने कथित तौर पर छेड़खानी की। वे जब शनिवार को गुजरात से वापस लौटे , तो उन्होंने स्थानीय लोगों को घटना के बारे में बताया। इसके बाद वे मामला दर्ज करवाने के लिये थाने पहुंचे लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। उसके बाद रविवार शाम को स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप करने पर मामला दर्ज किया गया।

स्थानीय विधायक का यह है कहना
इस मामले में झाडोल (उदयपुर) के भाजपा विधायक बाबूलाल ने आरोप लगाया कि आरोपी कांस्टेबल ने आदिवासी महिला से छेडछाड के अलावा पुलिस चौकी में महिला और उसके पिता के साथ मारपीट भी की। उन्होंने बताया, ‘‘पुलिस ने शुरू में मामला दर्ज नहीं किया और मुझे मामला दर्ज करवाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्हें (महिला और उसके माता-पिता को) कांस्टेबल की निजी एसयूवी वाहन में बिना महिला कांस्टेबल के ले जाया गया। पीड़ित महिला को रात को पुलिस चौकी में रखा गया। पुलिस ने कई नियमों का उल्लंघन किया है।’’

एफआईआर में बदलाव करने के भी आरोप
मीडिया रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि महिला के साथ छेड़छाड़ करने वाले पुलिसकर्मी को बचाने की कोशिश भी की गई। बताया जा रहा है कि अपने साथ हुई ज्यादत्ती को लेकर महिला ने खुद डैया थाने में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन अपने कारिंदे को बचाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने मूल एफआईआर दर्ज ना कर दबाव बनाकर रिपोर्ट में बदलाव कर दिया। एफआईआर में पुलिस ने आईपीसी की छेड़छाड़ की धारा 354 और चोट पहुंचाने जैसी धारा 323 लगाई है। जबकि पीड़िता की परिवाद के अनुसार दुष्कर्म के प्रयास , अवैध कस्टडी में रखने जैसे तथ्य है।

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