आपूर्ति कम होने से सभी तेल तिलहन कीमतों में गिरावट

126
आपूर्ति कम होने से सभी तेल तिलहन कीमतों में गिरावट

आपूर्ति कम होने से सभी तेल तिलहन कीमतों में गिरावट

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन, सीपीओ, पामोलीन और बिनौला सहित लगभग सभी खाद्य तेल कीमतों में गिरावट आई जबकि गुजरात में बाजार बंद होने और ग्राहकों के नदारद होने से मूंगफली तेल-तिलहन की कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुईं।

कारोबारी सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में एक प्रतिशत की गिरावट रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में बृहस्पतिवार को 1.75 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।

सूत्रों ने बताया कि विदेशों में गिरावट के कारण मूंगफली छोड़कर अधिकांश तेल तिलहन कीमतों में हानि दर्ज हुई। गुजरात में दिवाली की छुट्टियों के बाद सोमवार को मंडियां खुलेंगी और मंडियों में आने वाली मूंगफली की नयी फसलों के दाम टूटने का दबाव हो सकता है। ऐसे में सरकार को इस पर नजर रखनी होगी कि किसानों को वाजिब दाम मिलें और सट्टेबाजों को कारोबार से दूर रखा जाए।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द सूरजमुखी और सोयाबीन तेल पर 5.50 प्रतिशत या इससे अधिक आयात शुल्क लगा देना चाहिये। इससे देश में खाद्य तेलों की आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होगा तथा आपूर्ति बढ़ने से तेलों के दाम कम होंगे। साथ ही इससे सरकार को राजस्व मिलेगा, खाद्य तेल उद्योग और किसानों को भी फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि विदेशी बाजारों में मलेशिया एक्सचेंज में खाद्य तेल का भाव लगभग 10 डॉलर टूटने की वजह से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में भी गिरावट देखी गई।

सूत्रों ने कहा कि कम आपूर्ति की स्थिति के कारण खुदरा और थोक में सूरजमुखी तेल 20-25 रुपये लीटर तक महंगा बिक रहे हैं पर खुदरा में यही तेल 30-35 रुपये लीटर ऊंचे में बेचा जा रहा है। जो लोग ‘शॉर्ट सप्लाई’ की आड़ में महंगे दाम पर सूरजमुखी बेच रहे हैं, उनसे काफी अधिक मात्रा में आयात शुल्क वसूला जाना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि आगे जाकर हल्के खाद्य तेलों की मांग बढ़ेगी क्योंकि जाड़े में सीपीओ जैसे जम जाने वाले तेल की मांग कम हो जाती हे। सरकार के लिए जरूरी है कि देश में खाद्यतेलों के ‘सप्लाई लाईन‘ (आपूर्ति श्रृंखला) को दुरुस्त करने के लिए सूरजमुखी और सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क लगा दे तथा भविष्य में कभी भी कोटा प्रणाली लागू करने से बचे जिसके कारण पिछले चार पांच महीनों के दौरान कीमतें कम होने के बजाय और बढ़ गई।

शुक्रवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,160-7,185 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,870-6,935 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,560-2,820 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,260-2,390 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,330-2,445 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,800-20,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,950 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,650 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,310-5,360 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 5,110-5,160 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News