इन्फ्रास्ट्रक्चर का इंतजार, तभी आएगा इलेक्ट्रिक गाडिय़ों का बूम

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इन्फ्रास्ट्रक्चर का इंतजार, तभी आएगा इलेक्ट्रिक गाडिय़ों का बूम

– चार्जिंग स्टेशन की सुविधा नहीं, फ्लैट में रहने वाले लोग ईवी वीकल से कतरा रहे
– लोग घरों में ही चार्ज कर रहे कारें
– लोगों की पसंद मगर महंगे होने के कारण खरीदने के कतरा रहे

जयपुर। पेट्रोल व डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच इलेक्ट्रिक वाहन बेहतर विकल्प बन सकते हैं। लेकिन, शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण अभी गति नहीं पकड़ पा रहे हैं। इसी कारण अभी डीलर्स भी कम ही रूचि दिखा रहे हैं। दूसरी तरफ सामान्य वाहन से 20-30 प्रतिशत महंगे होने के कारण मध्यम वर्ग की पहुंच से भी बाहर है। अधिकारियों के अनुसार परिवहन विभाग, उर्जा विभाग और यूडीएच मिलकर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए तैयारी कर रहा है। जल्द ही राज्य की इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी भी जारी की जाएगी। जानकारी के अनुसार पिछले दो वर्षों से इस पॉलिसी को तैयार किया जा रहा है। अब यह अंतिम चरण में हैं। ड्राफ्ट बनकर तैयार हो चुका है।
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इलेक्ट्रिक वाहन : ई-रिक्शा, दुपहिया और कारें ही मौजूद
इलेक्ट्रिक वाहन के तौर पर शहर में अभी ई-रिक्शा, दुपहिया वाहन और कारें ही मौजूद हैं। ऑटो रिक्शा, बसें आदि अभी शहर में नहीं आई हैं। हालांकि, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के बाद इस साल इलेक्ट्रिक वीकल की खरीद भी बढ़ी है। पिछले एक साल में 650 से अधिक इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन और सौ से अधिक इलेक्ट्रिक कारें खरीदी गई हैं। अभी तक राजधानी में करीब दो हजार इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन व कारें हैं।
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50 चार्जिंग स्टेशन तैयार मगर अभी आम लोगों के लिए ज्यादातर शुरू नहीं
जयपुर शहर में अभी 50 चार्जिंग स्टेशन बनाए जा चुके हैं। नाहरगढ बायलोजिकल पार्क, लेपर्ड सफारी, जयपुर मेट्रो के सभी स्टेशन, उद्योग भवन, सचिवालय, एसएमएस अस्पताल की पार्किंग, एमएनआईटी सहित अन्य स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बन चुके हैं। तैयार करके संबंधित संस्थानों को सौंपे जा चुके हैं। मगर उन संस्थानों ने आम लोगों के लिए शुरू नहीं किए। उदारहण के तौर पर जयपुर मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के फीडर (ई-रिक्शा) को अनुमति दी गई थी मगर यह भी कोरोना काल से बंद है।
अब केन्द्र सरकार फास्टर अडोप्शन ऑफ इलेक्ट्रिकल मोबिलिटी (फेम) योजना के तहत 75 और स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिसका काम मार्च 2022 तक पूरा होगा। निजी स्तर पर चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए अभी कोई नहीं आया है।
वहीं जयपुर शहर में अभी तक बैट्री स्वैपिंग कांसेप्ट को लेकर कोई प्लान नहीं है।
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ई-वीकल पर अभी तक मिल रही यह छूट
ई-वीकल की खरीद पर क्रेताओं को स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (स्टेटजीएसटी) का पुनर्भरण और एकमुश्त अनुदान दिया जा रहा है। एसजीएसटी राशि का पुनर्भरण सभी प्रकार के इलैक्ट्रिक वाहनों पर देय हैं। वहीं, एकमुश्त अनुदान राशि दोपहिया व तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर बैटरी क्षमता के अनुसार दिया जा रहा है।

यह मिल रहा एकमुश्त अनुदान
बैटरी क्षमता – अनुदान राशि (दोपहिया वाहन)
2 किलो वाट तक – 5,000 रूपए
4 किलो वाट तक – 7,000 रूपए
5 किलो वाट तक – 9,000 रूपए
5 किलो वाट से अधिक – 10,000 रूपए

बैटरी क्षमता – अनुदान राशि (तिपहिया वाहन: ई-रिक्शा, ई-ऑटो, ई-भारवाहन)
3 किलो वाट तक – 10,000
4 किलो वाट तक – 15,000
5 किलो वाट तक – 17,000
5 किलो वाट से अधिक – 20,000

और.. यह चार्जिंग स्टेशन पर यह छूट
-पहली बार टाइम ऑफ डे (टीओडी) व्यवस्था लागू की गई है, यानि चार्जिंग स्टेशन पर रात में वाहन चार्ज करते हैं तो बिजली उपभोग दर में 15 प्रतिशत छूट मिलेगी। यह समय रात 11 से सुबह छह बजे तक है। रात में अतिरिक्त बिजली होने के कारण टीओडी व्यवस्था लागू की गई है।
-चार्जिंग स्टेशन पर 6 रुपए प्रति यूनिट दर पर बिजली मिलेगी।
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आगे क्या : ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए 50 प्रतिशत दर पर आवंटित होगी जमीन
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला किया है। ई—वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए सरकार 50 प्रतिशत कम दर पर सरकारी जमीन आवंटित करेगी। यह छूट पहले 500 लोगों को दी जाएगी, जो चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए आवेदन करेंगे। संबंधित इलाके की जो भी आरक्षित दर होगी, उससे पचास प्रतिशत दर पर आवंटन किया जाएगा। ऐसे सभी प्रस्ताव अक्षय उर्जा निगम की ओर से शहरी निकायों के माध्यम से भेजे जाएंगे।
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इधर, डीलर्स का कहना-अगले दो-तीन साल में आएगा बूम
फैडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन कोषाध्यक्ष साईं गिरधर ने बताया कि अभी इलेक्ट्रिक गाडिय़ां कम ही कम्पनियां बना रही हैं। मारूति, होंडा की ई-कार नहीं आई है। हुंडई, टाटा, एमजी की कारें महंगी हैं। जो कि सामान्य व्यक्ति लेने से बच रहे हैं। जो लोग लग्जरी कार अफोर्ड कर सकते हैं, वे ही इसे खरीद रहे हैं। इसके साथ अभी चार्जिंग स्टेशन भी सार्वजनिक क्षेत्र में मौजूद नहीं है। जिन लोगों के पास घर पर चार्जिंग की सुविधा है, वे ही इलेक्ट्रिक कार ले रहे हैं। जो लोग फ्लैट में रह रहे हैं, वे ई-कार लेने से बच रहे हैं।
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इलेक्ट्रिक कार लेना चाहते, बजट अनुमति नहीं दे रहा
– इलेक्ट्रिक स्कूटर लेना चाहती हूं मगर यह सामान्य स्कूटर से महंगा है। फिर इसे चार्ज करने में भी परेशानी होगी। परकोटे के घरों में पहले ही जगह नहीं है, ऐसे में स्कूटर को चार्ज करने में और दिक्कत होगी।
– नीरू वर्मा

– अभी जो इलेक्ट्रिक कार बाजार में हैं, वे 15-25 लाख के बीच हैं। बाकी इससे भी महंगी हैं। थोड़ी सस्ती होगी और चार्जिंग की सुविधा बढ़ेगी, तब इलेक्ट्रिक कार लेंगे।
– राजेंद्र सिंह शेखावत
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