उज्जवला योजना छोड़ ग्रामीणों ने फिर अपनाया चूल्हा, शहरी क्षेत्र में इंडक्शन की मांग बढ़ी | Ujjwala Yojana Beneficiaries Women Not Getting Gas Cylinders | Patrika News

169
उज्जवला योजना छोड़ ग्रामीणों ने फिर अपनाया चूल्हा, शहरी क्षेत्र में इंडक्शन की मांग बढ़ी | Ujjwala Yojana Beneficiaries Women Not Getting Gas Cylinders | Patrika News

उज्जवला योजना छोड़ ग्रामीणों ने फिर अपनाया चूल्हा, शहरी क्षेत्र में इंडक्शन की मांग बढ़ी | Ujjwala Yojana Beneficiaries Women Not Getting Gas Cylinders | Patrika News

ताजा मामला झाबुआ से आया है। चारों ओर से बढ़ती मंहगाई और अब 1098 रुपए के एलपीजी सिलेंडर ने जनता की कमर तोड़ दी है, जिलेभर में उज्ज्वला योजना के करीब 16000 कनेक्शन है । महज 4500 लोग ही कनेक्शन री-फिल कर रहे है। यह कुल उपभोक्ता का 30 प्रतिशत भी नहीं है। 70 प्रतिशत उज्ज्वला हितग्राहियों में लगभग 11500 हितग्राही सिलेंडर छोड़ कर चूल्हे पर भोजन पका रहे है।

7 जुलाई से गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए की बढ़ोत्तरी हो गई है। पहले 1048 रुपए में मिलने वाला सिलेंडर अब 1098 रुपए में मिलने लगा है। मई माह में ही इसकी कीमत में 52 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई थी। यानी दो महीने में ही 102 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। व्यवसायिक गैस सिलेंडर में भी इजाफा हुआ है। गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी में कोई इजाफा नहीं हो रहा है। सिलेंडर के आसमान छूते दाम से आम आदमी को घरेलू बजट की चिंता सता रही हैं।महिलाएं खर्च में कटौती कर रसोई चला रही है।

13 हजार उपभोक्ता जुड़े हैं योजना से

गौरतलब है कि झाबुआ में जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडार के पास एचपी की गैस एजेंसी है। इससे झाबुआ शहर के साथ पारा, कालोदेवी और पिटोल के करीब 13 हजार उपभोक्ता जुड़े है। इसके अलावा 5 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम भी 17 रुपए बढ़ गए हैं। अब तक 5 किलोग्राम वाला जो सिलेंडर 387 रुपए में मिल रहा था, अब 404 रुपए में मिल रहा है।

इन उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है असर

झाबुआ शहर में जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडार एचपी गैस एजेंसी से 25 हजार घरेलू और 500 व्यवसायिक उपभोक्ता जुड़े है। किमतो में बढ़ोतरी होने से लगभग 11 हजार उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं पर असर हुआ । उज्जवला योजना के हितग्राहियों को 227 रुपए सब्सिडी मिल रही है। वहीं घरेलू गैस सिलेंडर पर 27.60 रुपए सब्सिडी मिल रही है। फिलहाल सब्सिडी के संबंध में कोई नए आदेश नहीं हुए है।

दाम बढ़ने से वापस चूल्हे अपनाने लगे

उज्ज्वला हितग्राही कमोदी बाई , नीरू भाबर, संगीता मेडा , सुमित्रा भुरिया , राखी अजनार ने बताया कि गैस के बढ़ते भाव सेहत पर भी असर डाल रहे हैं। भाव बढ़ने से भोजन बनाने के तरीके बदल गए हैं , लोग फिर से चूल्हे पर खाना बनाने लगे हैं। लोक डाउन के बाद आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। हर जगह महंगाई बढ़ी है। भोजन पर फर्क न पड़े इसलिए बहुत से खर्चे में कटौती करना पढ़ रही है।

उज्ज्वला योजना के लगभग 16000 हितग्राही हैं, री-फिल करने के लिए 30 प्रतिशत लोग पहुंच रहे हैं। सिलेंडर की कीमत 1098 रुपए हैं, सब्सिडी 227.60 रुपए मिल रही है।

-गौरव शाह, कर्मचारी उपभोक्ता भंडार झाबुआ

शहरी लोगों ने अपनाया इंडक्शन चूल्हा, आधी कीमत में बन रहा खाना

प्रदेश में कई जिले ऐसे हैं जहां लोगों ने गैस सिलेंडर की जगह बिजली से चलने वाला इंडक्शन चूल्हे पर खाना बनाना शुरू कर दिया है। इंडक्शन पर एक परिवार के पांच सदस्यों का खाना 16 रुपए में बनकर तैयार हो जाता है, वहीं गैस सिलेंडर में यह खर्च 35 रुपए प्रतिदिन आता है। हाल ही में सिंगरौली में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है। शहरों क्षेत्रों में इंडक्शन चूल्हे की डिमांड बढ़ गई है। जबकि आदिवासी क्षेत्रों में सिलेंडर को रिफील कराने की बजाय लकड़ियां जलाकर खाना बनाया जा रहा है। हालांकि इन क्षेत्रों में बारिश में लकड़ियों की दिक्कत हो जाती है। बाजार में इंडक्शन की मांग 5 गुना तक बढ़ गई है। बाजार में जितनी भी दुकानें हैं, वहां से औसतन एक-दो इंडक्शन प्रतिदिन बिक्री हो रही है। पहले महिने भर में चार-पांच इंडक्शन बिकते थे। बाजार में एक इंडक्शन की कीमत एक हजार रुपए से ही शुरू हो जाती है।



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News