एंबुलेंस का किराया फिक्स किया, ज्यादा वसूलने पर रद्द होगा लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

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एंबुलेंस का किराया फिक्स किया, ज्यादा वसूलने पर रद्द होगा लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

Ambulance Fare Fixed. प्रदेश सरकार ने एंबुलेंस चालकों की मनमानी रोकने के लिए किराए की दर निर्धारित की है। एंबुलेंस के किराए को चार हिस्सों में बांटा गया है। इसी आधार पर किराया वसूला जाएगा।

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लखनऊ. Ambulance Fare Fixed. प्रदेश सरकार ने एंबुलेंस चालकों की मनमानी रोकने के लिए किराए की दर निर्धारित की है। एंबुलेंस के किराए को चार हिस्सों में बांटा गया है। इसी आधार पर किराया वसूला जाएगा। शासन ने निर्धारित दर से अधिक किराया लेने पर एंबुलेंस का पंजीयन और चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने का नियम बनाया है। प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह ने इसका आदेश जारी कर दिया है।

शासनादेश के अनुसार टाइप-ए रोड एंबुलेंस/मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर के लिए पहले 10 किलोमीटर के लिए 500 रुपये और 10 किलोमीटर के बाद 10 रुपये प्रति किलोमीटर की दर निर्धारित की गई है। टाइप-बी रोड एंबुलेंस/पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस (आठ लाख रुपये तक की मारुति ओमनी, टाटा मैजिक, मारुति ईको आदि) के लिए पहले 10 किलोमीटर के लिए 1000 रुपये और 10 किलोमीटर के बाद 20 रुपये प्रति किलोमीटर देना होगा। इसी तरह टाइप-सी रोड एंबुलेंस/बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस (आठ लाख रुपये से अधिक 10 लाख रुपये तक की महिंद्रा बोलोरो आदि) के लिए पहले 10 किलोमीटर का किराया 1500 रुपये और इसके बाद 25 रुपये प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है।

30 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से देना होगा शुल्क

टाइप-डी रोड एंबुलेंस/एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस (10 लाख से अधिक की टाटा विंगर, फोर्स ट्रेवलर, टाटा 407 आदि) के लिए प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 2000 रुपये और इसके बाद 30 रुपये प्रति किलोमीटर देना होगा। एंबुलेंस को अधिनियम और कर से मुक्त किया गया है।

मिलेंगी ये सुविधाएं

एंबुलेंस किराए में राहत के साथ-साथ टाइप बी,सी और डी एंबुलेंस सेवाओं के किराए में ऑक्सीजन, पीपीई किट, दस्ताने, फेस शील्ड, एंबुलेंस उपकरण और सैनिटाइजर की सुविधा शामिल है। प्रमुख सचिव परिवहन, राजेश कुमार सिंह के मुताबिक, एंबुलेंस को मोटर व्हीकल अधिनियम में परमिट और कर नियमों के दायरे से बाहर रखा गया है, क्योंकि इसका संचालन एक सामाजिक सेवा है न कि व्यावसायिक उपयोग। एंबुलेंस के किराए की दरों पर नियंत्रण के लिए विभिन्न जिलों में समय-समय पर अधिसूचनाएं जारी की गई हैं। जिनकी दरों में भिन्नता पाई गई है। वर्तमान में कोविड-19 की महामारी को देखते हुए पूरे प्रदेश में एंबुलेंस की दरों में एकरूपता के लिए यह निर्णय लिया गया है।

लुटेरे अस्पतालों ने भी शुरू किए पैसे वापस करना

कोविड अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए शासन ने शुल्क निर्धारित किया है। आईसीयू में भर्ती मरीज के लिए 7800 रुपये, आइसोलेशन में भर्ती मरीज के लिए 4800 रुपये और आईसीयू वेंटीलेटर के लिए नौ हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तय किए गए थे। मरीजों और तीमारदारों को शुल्क से भी मुक्त किया गया था। लेकिन कई निजी अस्पतालों में मनमानी वसूली हो रही थी। इसे देखते हुए कई कोविड अस्पतालों को नोटिस थमा दिया गया है। साथ ही तय शुल्क से अधिक वसूली करने वाले पांच अस्पतालों को मरीजों के पैसे वापस करने के निर्देश मिले हैं। मेरठ में ऐसी 49 शिकायतें प्रशासन को मिली हैं। इनमें से 18 सही पाई गई हैं। इनमें दो अस्पतालों से चार लाख रुपये वापस कराए गए और तीन बड़े अस्पतालों की जांच जारी है।

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