करतारपुर कॉरिडोर को भारत में शामिल करने के प्रस्ताव पर फिर से काम हो: हरसिमरत

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करतारपुर कॉरिडोर को भारत में शामिल करने के प्रस्ताव पर फिर से काम हो: हरसिमरत

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| Updated: Nov 9, 2021, 8:46 PM

नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) शिअद नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने और पाकिस्तान के साथ भूमि अदला-बदली समझौते के जरिए इस पवित्र भूमि को भारत में शामिल करने के प्रस्ताव पर फिर से काम करने का अनुरोध किया। मोदी को लिखे एक पत्र में बादल ने पाकिस्तान के सभी ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को दुनिया भर से, खासकर भारत के श्रद्धालुओं की पहुंच से जोड़ने वाले “शांति गलियारे” के मुद्दे को उठाने का भी अनुरोध किया। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) पाकिस्तान में सिख धर्मस्थलों-ननकाना साहिब और

 

नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) शिअद नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने और पाकिस्तान के साथ भूमि अदला-बदली समझौते के जरिए इस पवित्र भूमि को भारत में शामिल करने के प्रस्ताव पर फिर से काम करने का अनुरोध किया। मोदी को लिखे एक पत्र में बादल ने पाकिस्तान के सभी ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को दुनिया भर से, खासकर भारत के श्रद्धालुओं की पहुंच से जोड़ने वाले “शांति गलियारे” के मुद्दे को उठाने का भी अनुरोध किया। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) पाकिस्तान में सिख धर्मस्थलों-ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब, हिंदू मंदिर कटास राज और अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले स्थायी शांति गलियारे की मांग करता रहा है। पिछले साल तक नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रहीं बादल ने कहा, “मैं यह करतारपुर साहिब (पाकिस्तान) में पवित्र गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने के लिए भक्तों की सुविधा के वास्ते न केवल भारत-पाक कॉरिडोर को फिर से खोलने के लिए, बल्कि इसे दोनों देशों के बीच ‘स्थायी शांति गलियारे’ का दर्जा देने के लिए भी श्रद्धालु और बहादुर सिख जनता की भावना को आवाज देने के वास्ते लिख रही हूं।’’ भूमि की अदला-बदली कर करतारपुर को भारत में शामिल करने की लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराते हुए बादल ने कहा, “दुनियाभर के सिख श्रद्धालु चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान क्षेत्रों की अदला-बदली करें, ताकि करतारपुर साहिब भारतीय मुख्य भूमि का हिस्सा बन सके।” करतारपुर को शामिल करने की मांग पहली बार 1948 में अकाली दल द्वारा उठाये जाने और दिवंगत अकाली नेता कुलदीप सिंह वडाला द्वारा इसके समर्थन में दशकों तक किए गए आंदोलन की ओर ध्यान दिलाते हुए पूर्व मंत्री ने कहा, “प्रस्ताव को पाकिस्तान सरकार और अजीब तरह से, पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार दोनों ने खारिज कर दिया।” उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखा, “समय आ गया है कि पवित्र करतारपुर साहिब तीर्थस्थल को भारत में स्थायी रूप से शामिल करने के लिए इस प्रस्ताव को नवीनीकृत किया जाए।” करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा कहे गए शब्दों को याद करते हुए बादल ने कहा कि उन्होंने मोदी से व्यक्तिगत और तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है, ताकि इसे फिर से खोलने के लिए आवश्यक राजनयिक और अन्य कदम उठाए जा सकें। यह कॉरिडोर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के पाकिस्तान स्थित अंतिम विश्राम स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल से जोड़ता है।

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Web Title : harsimrat should work again on the proposal to include kartarpur corridor in india
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