कोरोना से मौतें, भ्रष्टाचार के कई मामले खत्म

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कोरोना से मौतें, भ्रष्टाचार के कई मामले खत्म

आरोपियों की मृत्यू की मिली जानकारी, लोकायुक्त अफसर कर रहे जांच

प्रमोद मिश्रा
इंदौर. महामारी कोरोना के कारण भ्रष्टाचार से जुड़े कुछ मामले भी खत्म हो गए है। लोकायुक्त अफसर जिन मामलों में जांच कर रहे थे उसमें आरोपियों के कोरोना की चपेट में आने से मृत्यू होने की जानकारी अफसरों तक पहुंची है। इनकी जांच खत्म करने के पहले मृत्यू प्रमाण पत्र की जांच की जा रही है। वैसे कुछ ऐसे भी चर्चित मामले है जिसमें आरोपियों की सामान्य मौत होने से भी कार्रवाई बंद हो जाएगी।
इस बार की महामारी के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। ऐसे ही कुछ मामले लोकायुक्त के सामने भी आए है। 3-4 ऐसे मामले है जिनकी जांच चल रही है और अब आरोपी के महामारी के दौरान मौत होने की बात सामने आई है। लोकायुक्त अफसरों को इस संबंध में सूचना दी गई है, मृत्यू प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराए गए है। जांच में चल रहे मामले में फंसे आरोपी कोरोनाकाल में असमय मृत्यू का शिकार हुए है। एसपी, लोकायुक्त सव्यसाची सराफ के मुताबिक, 3-4 मामले में ऐसी जानकारी आई है। मृत्यू प्रमाण पत्र के आधार पर जांच करा रहे है। आरोपी के नहीं रहने से जांच खुद ब खुद ही बंद हो जाएगी।

इन मामलों में महामारी का साया
– 2015 में लोकायुक्त ने नगर परिषद थांदला (झाबुआ) में हुई गडबड़़ी के मामले में पांच आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। इसमें सीएमओ दिनेश जमरे भी आरोपी थे। हाल ही में उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि महामारी कोरोना की चपेट में आने से उनका निधन हुआ है, मृत्यू प्रमाण पत्र लोकायुक्त को दिया गया है।
– 2017 में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में हुए घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार का केस दर्ज हुआ। प्रभारी एसडीओ जसवंतसिंह आरोपी थी। जांच पूरी होने के बाद मामला चालान की अनुमति के लिए जल संसाधन विभाग के पास लंबित है। इस बीच 10 मई 2021 को उनकी महामारी की चपेट में आने से मृत्यू होने की बात सामने आई है।
– जनपद पंचायत भगवानपुरा जिला खरगोन के कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा अशोक पाटीदार के खिलाफ 2020 में केस दर्ज हुआ था। उनकी 6 मई 2021 को मृत्यू बीमारी के कारण होना बताया गया है।
– सरदारपुर, धार के पटवारी रफीक खान के खिलाफ रिश्वत का मामला 2021 में दर्ज हुआ था। उनकी भी महामारी के कारण मौत होने की जानकारी अफसरों को मिली है।

विचाराधीन मामलों में आरोपियों का निधन, पूर्व महापौर-पूर्व मंत्री के मामले भी शामिल

पिछले एक साल में सामान्य कारणों से भी कई केस में आरोपियों का निधन हुआ है। इनके मामले न्यायालय में विचाराधीन थे। पूर्व महापौर मधुकर वर्मा व पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल से जुड़े मामले भी इसमें शामिल है।
– वर्ष 2001 में पूर्व महापौर मधुकर वर्मा व नगर निगम के कार्यपालन यंत्री बीएस द्विवेदी के खिलाफ दर्ज मामला न्यायालय में विचाराधीन है। मधुकर वर्मा का पहले ही निधन हो चुका है, दूसरे आरोपी द्विवेदी का अब निधन हो गया इसलिए अब न्यायालय को जानकारी दी जा रही है। दोनों आरोपियों के नहीं रहने से केस खत्म हो जाएगा।
– आइपीसी बैंक के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर पटेल पर लोकायुक्त में 1999,2000, 2006 में अलग अलग केस हुए थे, जो न्यायालय में विचाराधीन थे। हाल ही में उनका निधन हो गया जिस पर जानकारी न्यायालय में दी जा रही है।
– 2017 के मामले में खरगोन जिले के रोजगार सहायक कैलाश जाधव पर केस दर्ज हुआ था जिसमें न्यायालय में चालान पेश हो गया था। अप्रेल में उनका निधन हो गया।
– झाबुआ जिले में पदस्थ एएसआइ चिंताराम पटेल पर 2017 में केस हुआ था, हाल ही में उनका निधन हो गया। मामला कोर्ट में था।



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