गांधी नगर मार्केट आगः दुकान के अंदर से शटर खट-खटाकर शाहनवाज लगाते रहे जान बचाने की गुहार, बड़े भाई आफताब थे लाचार
दुकान मालिक प्रवीण अरोड़ा दशहरा पर बुधवार को 5:15 बजे शॉप बंद कर घर चले गए थे। आफताब समेत पांच कर्मचारी दुकान के दूसरी एंट्री पॉइंट जनता गली में कुछ दूरी पर बातें कर रहे थे। इसी दौरान आफताब को पहली मंजिल से धुआं निकलता दिखा। दुकान के पास पहुंचे तो ग्राउंड फ्लोर से भी धुआं निकल रहा था। शाहनवाज भीतर से शटर खटखटाकर मदद मांग रहा था। दुकान पर ताला लगा हुआ था, जिसे तोड़ने की कोशिश की। आफताब ने आग फैलने पर अपने भाई शाहनवाज को ऊपर की मंजिल पर चले जाने की हिदायत दी।
मालिक को तुरंत हादसे की जानकारी दी। इस दौरान दुकान के ताले तोड़ने में सफल हो गए, लेकिन आग फैल चुकी थी और शाहनवाज नहीं मिल सका। गुरुवार सुबह करीब 8:30 बजे कूलिंग के दौरान दूसरी मंजिल पर जली हालत में शाहनवाज की बॉडी मिली। इसी दुकान के ठीक सामने वाली बिल्डिंग में भी प्रवीण का कपड़े का कारोबार होता था और वो भी आग की चपेट में आ गई। पुलिस ने एफएसएल की टीम को बुलाकर मौके से सैंपल उठवाए हैं, ताकि आग लगने की असली वजह सामने आ सके। पुलिस भी अपनी तफ्तीश में लगी हुई है।
शाहनवाज कैसे बंद रह गया भीतर
कारोबारी प्रवीण अरोड़ा की नेहरू गली में आमने-सामने दो बिल्डिंग्स हैं, जिनमें कपड़ों का कारोबार करते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि बुधवार हो दशहरा होने की वजह से वो शाम को ही दुकान बंद करके चले गए। अब सवाल ये है कि शाहनवाज भीतर कैसे रह गए? खुद शाहनवाज के बड़े भाई आफताब भी वहां काम करते हैं। वो दुकान बंद होने के बाद चार अन्य कर्मचारियों के साथ बिल्डिंग की दूसरी एंट्री पॉइंट वाली गली में काफी देर तक खड़े रहे। आखिर वो अपने भाई शाहनवाज को कैसे भूल गए? डीसीपी (शाहदरा) आर. सत्यसुंदरम ने बताया कि दुकान मालिक का कहना है कि अंदर चेक किया था, तो कोई कर्मचारी भीतर नहीं दिखा। इसलिए ताला बंद कर अपने घर चला गया। इसलिए शाहनवाज कैसे भीतर रह गया, इसकी जांच हो रही है।