गांधी नगर मार्केट आगः दुकान के अंदर से शटर खट-खटाकर शाहनवाज लगाते रहे जान बचाने की गुहार, बड़े भाई आफताब थे लाचार

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गांधी नगर मार्केट आगः दुकान के अंदर से शटर खट-खटाकर शाहनवाज लगाते रहे जान बचाने की गुहार, बड़े भाई आफताब थे लाचार

गांधी नगर मार्केट आगः दुकान के अंदर से शटर खट-खटाकर शाहनवाज लगाते रहे जान बचाने की गुहार, बड़े भाई आफताब थे लाचार

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः गांधी नगर गारमेंट्स मार्केट में चार मंजिला बिल्डिंग में लगी भीषण आग में 19 साल के शाहनवाज जिंदा जल गए। पुलिस ने आग लगने के करीब 15 घंटे के बाद बुरी तरह जली हालत में शव बरामद किया, जिसकी शिनाख्त करना मुश्किल था। अब पहचान पुख्ता करने के लिए परिजनों से मृतक का डीएनए मैच करवाया जाएगा। पुलिस ने लापरवाही से मौत समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉट सर्किट पाया गया है। कारोबारी दुकान में आग से हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं।

शाहनवाज अपने परिवार के साथ खुरेजी की नूर वाली गली में रहते थे। फैमिली में पिता रियाज, मां रजिया, बड़ा भाई आफताब और तीन बहनें हैं। परिवार में सबसे छोटे शाहनवाज गांधी नगर मार्केट की नेहरू गली में जय अंबे गारमेंट्स पर दो साल से काम करते थे। आफताब भी इसी दुकान में 12 साल से जॉब कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि इस दुकान के मालिक प्रवीण अरोड़ा हैं। 400 गज में चार मंजिला बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में दुकान है, जबकि ऊपर के तीन फ्लोर में गोदाम हैं। दुकान के बराबर बनी गैलरी से ऊपर जाने का रास्ता है।

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दुकान मालिक प्रवीण अरोड़ा दशहरा पर बुधवार को 5:15 बजे शॉप बंद कर घर चले गए थे। आफताब समेत पांच कर्मचारी दुकान के दूसरी एंट्री पॉइंट जनता गली में कुछ दूरी पर बातें कर रहे थे। इसी दौरान आफताब को पहली मंजिल से धुआं निकलता दिखा। दुकान के पास पहुंचे तो ग्राउंड फ्लोर से भी धुआं निकल रहा था। शाहनवाज भीतर से शटर खटखटाकर मदद मांग रहा था। दुकान पर ताला लगा हुआ था, जिसे तोड़ने की कोशिश की। आफताब ने आग फैलने पर अपने भाई शाहनवाज को ऊपर की मंजिल पर चले जाने की हिदायत दी।

मालिक को तुरंत हादसे की जानकारी दी। इस दौरान दुकान के ताले तोड़ने में सफल हो गए, लेकिन आग फैल चुकी थी और शाहनवाज नहीं मिल सका। गुरुवार सुबह करीब 8:30 बजे कूलिंग के दौरान दूसरी मंजिल पर जली हालत में शाहनवाज की बॉडी मिली। इसी दुकान के ठीक सामने वाली बिल्डिंग में भी प्रवीण का कपड़े का कारोबार होता था और वो भी आग की चपेट में आ गई। पुलिस ने एफएसएल की टीम को बुलाकर मौके से सैंपल उठवाए हैं, ताकि आग लगने की असली वजह सामने आ सके। पुलिस भी अपनी तफ्तीश में लगी हुई है।

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शाहनवाज कैसे बंद रह गया भीतर
कारोबारी प्रवीण अरोड़ा की नेहरू गली में आमने-सामने दो बिल्डिंग्स हैं, जिनमें कपड़ों का कारोबार करते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि बुधवार हो दशहरा होने की वजह से वो शाम को ही दुकान बंद करके चले गए। अब सवाल ये है कि शाहनवाज भीतर कैसे रह गए? खुद शाहनवाज के बड़े भाई आफताब भी वहां काम करते हैं। वो दुकान बंद होने के बाद चार अन्य कर्मचारियों के साथ बिल्डिंग की दूसरी एंट्री पॉइंट वाली गली में काफी देर तक खड़े रहे। आखिर वो अपने भाई शाहनवाज को कैसे भूल गए? डीसीपी (शाहदरा) आर. सत्यसुंदरम ने बताया कि दुकान मालिक का कहना है कि अंदर चेक किया था, तो कोई कर्मचारी भीतर नहीं दिखा। इसलिए ताला बंद कर अपने घर चला गया। इसलिए शाहनवाज कैसे भीतर रह गया, इसकी जांच हो रही है।

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