गाजियाबाद में अब तक 75 पैरेंट्स पर एफआईआर, फिर भी नहीं थम रही नाबालिगों की रफ्तार

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गाजियाबाद में अब तक 75 पैरेंट्स पर एफआईआर, फिर भी नहीं थम रही नाबालिगों की रफ्तार

गाजियाबाद में अब तक 75 पैरेंट्स पर एफआईआर, फिर भी नहीं थम रही नाबालिगों की रफ्तार


गाजियाबादः उत्तर प्रदेश के गाज़ियबााद ट्रैफिक पुलिस की तरफ से पिछले कुछ हफ्तों से लगातार वाहन चलाते नाबालिगों के पैरंट्स के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अभी तक 75 अभिभावकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। इसके बावजूद सड़कों नाबालिगों के हाथ से स्टेयरिंग नहीं हट रहा। दोपहिया वाहनों पर डबल और ट्रिपल राइडिंग करते हुए वे अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।

हालांकि ट्रैफिक पुलिस ने कुछ सयम से इनके खिलाफ अभियान चलाया है, जिसके बाद इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा और कौशांबी की तरफ जरूर सड़कों पर बाइक और स्कूटी चलाने वाले नाबालिगों की संख्या में कमी आई है, लेकिन मोहननगर जोन में जीटी रोड, भोपुरा तिराहा, लाजपतनगर जैसे इलाकों में अब भी नाबालिग लगातार ड्राइविंग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस अब स्कूलों में जाकर भी बच्चों को नियमों का पाठ पढ़ा रही है। इसे लेकर जल्द ही स्कूलों के प्रिंसिपलों के साथ बैठक की जाएगी।

स्कूल भी हुए ट्रैफिक पुलिस की मुहिम में शामिल
ट्रैफिक पुलिस की ओर से नाबालिगों को लेकर चलाए जा रहे इस अभियान में अब धीरे-धीरे स्कूल भी शामिल हो रहे हैं। वैशाली स्थिल सनवैली स्कूल की प्रिंसिपल प्रीति गोयल ने बताया कि उन्होंने अभिभावकों के लिए सर्कुलर जारी किया है, जिसमें साफ कहा गया है कि कोई भी बच्चा जिसकी उम्र 18 साल से कम है, वह गाड़ी चलाकर नहीं आएगा। स्कूल के कैंपस में गाड़ी को पार्क नहीं करने दिया जाएगा। इसके अलावा, पैरंट्स टीचर्स मीट में भी अभिभावकों को इस मुद्दे पर जागरूक किया गया है।

ट्रैफिक पुलिस ने बकायदा उनके स्कूल में बच्चों के साथ जागरूकता कार्यक्रम किया है। वसुंधरा सेक्टर-6 स्थित एमिटी इंटरनैशनल स्कूल की प्रिंसिपल सुनीला एथले ने कहा कि उनके यहां लगातार ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि नाबालिगों को ड्राइविंग से रोका जा सके।

25 हजार का कटता है चालान
एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि नाबालिग अगर ड्राइविंग करते पकड़े जाते हैं तो उनके पैरंट्स पर 25000 हजार का जुर्माना है। इसके बावजूद वे ट्रैफिक उल्लंघन करते हैं। इसलिए अब ट्रैफिक पुलिस ने फैसला किया है कि इस मुहिम से स्कूलों को जोड़ा जाएगा। केवल जागरूकता अभियान के लिए नहीं बल्कि कार्रवाई के लिए भी। इसके लिए जल्द ही स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ बैठक की जाएगी। वैसे पिछले दिनों विभाग ने एक साथ 185 कॉलेज और स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया है। हाल ही में क्रॉसिंग रिब्लिक और हैबिटेट सेंटर में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता फैलाने को लेकर नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया गया है।

पैरंट्स को ही रोकना पड़ेगा बच्चों को
अभिभावक प्रीति त्रिपाठी के तीन बच्चे हैं। उनका कहना है कि कई बार बच्चे स्कूटी वगैरह चलाने की काफी ज़िद करते हैं। उनका छोटा बेटा अक्सर उनसे डिमांड करता है कि उसे बाइक चलाने दो। लेकिन वह उसे रोक देती हैं। ट्रैफिक पुलिस का खौफ दिखाती हैं। उसे समझाती हैं कि ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ा तो भारी जुर्माना देना पड़ जाएगा। यही नहीं उसके पापा तक को सज़ा हो सकती है। प्रीति का कहना है कि बच्चे बाइक न चलाएं इसके लिए अभिभावकों को ही ठोस कदम उठाने होंगे। यह उनकी सुरक्षा के लिए भी ज़रूरी है।

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