गिरफ्तार जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर बेनीवाल व दलाल लेन-देन के समय रुपयों को बोलते थे स्टाम्प | jaipur | Patrika News
एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि दलाल कजोड़मल करीब १२ अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए (बंधी) वसूली करता था। ये सभी अधिकारी व कर्मचारी एसीबी के रडार पर हैं। जलदाय विभाग मेें चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल, दलाल कजोड़मल तिवाड़ी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण कार्यालय) के एलडीसी शफीक खान व विनोद सिंह राजपूत के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच एएसपी ललित किशोर शर्मा को सौंपी है।
दिनेश एमएन ने बताया कि बेनीवाल और दलाल कजोड़मल कोड भाषा में बात करते थे। वे घूस की रकम को स्टाम्प कहते थे। कितने स्टाम्प लेकर आया है या फिर इतने स्टाम्प भिजवा देना। कोड इसलिए उपयोग करते थे ताकि किसी को शक न हो। मनीष बेनीवाल के एडिशनल चीफ इंजीनियर पद पर रहते हुए जुलाई में आरएससी इंफ्राटेक फर्म का एक काम पूरा होने पर कजोड़मल ने कम्पनी प्रतिनिधि को बेनीवाल की ‘सेवा पूजाÓ करने की बात भी कही थी।
वाट्सऐप कॉल, मिला रिकॉर्ड एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि आरोपियों पर एसीबी 6 माह से निगरानी रखे हुए थी। इस दौरान रुपयों के लेन-देन की सूचना पर कई बार बेनीवाल को पकडऩे टीम पहुंची, लेकिन सफल नहीं हो सकी। बेनीवाल को सोमवार को 10.40 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार करने के बाद उसका मोबाइल बरामद किया। मोबाइल में साधारण कॉल बहुत ही कम थे, जबकि अधिकांश कॉल वाटॅ्सऐप पर थे। बेनीवाल वाट्सऐप कॉल पर ही दलाल व अन्य लोगों से बात करता था। एसीबी की पांच टीम सोमवार को बेनीवाल को पकडऩे के लिए तैनात की थी। बेनीवाल सोमवार सुबह जोधपुर से जयपुर रवाना हुआ था। जयपुर पहुंचकर अपने दफ्तर गया और कुछ देर दफ्तर ठहरने के बाद फिर घर आ गया। दलाल कजोड़मल को घर पर घूस के 10.40 लाख रुपए लेकर बुलाया। एसीबी ने रुपयों का लेन-देन करने के बाद दलाल व बेनीवाल को गिरफ्तार किया। यह रकम आरएससी इंफ्राटेक फर्म से ली गई थी। एक टीम ने फर्म निदेशक रणजीत सिंह चौधरी के अजमेर में कार्यालय पर तलाशी ली।
आय से अधिक सम्पत्ति का मामला बंद, पद के दुरुपयोग का लंबित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल के खिलाफ एसीबी ने वर्ष 2006 में आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया था। इसमें एसीबी ने एफआर लगा दी। इसके बाद वर्ष 2016 से बेनीवाल के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया, जो अभी लंबित है।
सभी को जेल भेजा गिरफ्तार आरोपी मनीष बेनीवाल, दलाल कजोड़मल तिवाड़ी, एलडीसी शफीक खान व विनोद सिंह राजपूत को एसीबी ने मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया। आरोपियों के आवास पर देर रात तक सर्च की कार्रवाई चली, लेकिन एसीबी को रुपए और अन्य सम्पत्ति की जानकारी नहीं मिली।
एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि दलाल कजोड़मल करीब १२ अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए (बंधी) वसूली करता था। ये सभी अधिकारी व कर्मचारी एसीबी के रडार पर हैं। जलदाय विभाग मेें चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल, दलाल कजोड़मल तिवाड़ी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण कार्यालय) के एलडीसी शफीक खान व विनोद सिंह राजपूत के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच एएसपी ललित किशोर शर्मा को सौंपी है।
दिनेश एमएन ने बताया कि बेनीवाल और दलाल कजोड़मल कोड भाषा में बात करते थे। वे घूस की रकम को स्टाम्प कहते थे। कितने स्टाम्प लेकर आया है या फिर इतने स्टाम्प भिजवा देना। कोड इसलिए उपयोग करते थे ताकि किसी को शक न हो। मनीष बेनीवाल के एडिशनल चीफ इंजीनियर पद पर रहते हुए जुलाई में आरएससी इंफ्राटेक फर्म का एक काम पूरा होने पर कजोड़मल ने कम्पनी प्रतिनिधि को बेनीवाल की ‘सेवा पूजाÓ करने की बात भी कही थी।
वाट्सऐप कॉल, मिला रिकॉर्ड एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि आरोपियों पर एसीबी 6 माह से निगरानी रखे हुए थी। इस दौरान रुपयों के लेन-देन की सूचना पर कई बार बेनीवाल को पकडऩे टीम पहुंची, लेकिन सफल नहीं हो सकी। बेनीवाल को सोमवार को 10.40 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार करने के बाद उसका मोबाइल बरामद किया। मोबाइल में साधारण कॉल बहुत ही कम थे, जबकि अधिकांश कॉल वाटॅ्सऐप पर थे। बेनीवाल वाट्सऐप कॉल पर ही दलाल व अन्य लोगों से बात करता था। एसीबी की पांच टीम सोमवार को बेनीवाल को पकडऩे के लिए तैनात की थी। बेनीवाल सोमवार सुबह जोधपुर से जयपुर रवाना हुआ था। जयपुर पहुंचकर अपने दफ्तर गया और कुछ देर दफ्तर ठहरने के बाद फिर घर आ गया। दलाल कजोड़मल को घर पर घूस के 10.40 लाख रुपए लेकर बुलाया। एसीबी ने रुपयों का लेन-देन करने के बाद दलाल व बेनीवाल को गिरफ्तार किया। यह रकम आरएससी इंफ्राटेक फर्म से ली गई थी। एक टीम ने फर्म निदेशक रणजीत सिंह चौधरी के अजमेर में कार्यालय पर तलाशी ली।
आय से अधिक सम्पत्ति का मामला बंद, पद के दुरुपयोग का लंबित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल के खिलाफ एसीबी ने वर्ष 2006 में आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया था। इसमें एसीबी ने एफआर लगा दी। इसके बाद वर्ष 2016 से बेनीवाल के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया, जो अभी लंबित है।
सभी को जेल भेजा गिरफ्तार आरोपी मनीष बेनीवाल, दलाल कजोड़मल तिवाड़ी, एलडीसी शफीक खान व विनोद सिंह राजपूत को एसीबी ने मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया। आरोपियों के आवास पर देर रात तक सर्च की कार्रवाई चली, लेकिन एसीबी को रुपए और अन्य सम्पत्ति की जानकारी नहीं मिली।