गुरुग्राम: अमरीकियों को ठगने वाला फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया, कंप्यूटर में वायरस के नाम पर करता था चीट

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गुरुग्राम: अमरीकियों को ठगने वाला फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया, कंप्यूटर में वायरस के नाम पर करता था चीट

गुड़गांव
अमेरिका व कनाडा के नागरिकों के कंप्यूटर पर पॉपअप मेसेज या वॉयसमेल भेज कर कंप्यूटर में खराबी बताकर ठगी की जा रही थी। माइक्रोसॉफ्ट के टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर विदेशी नागरिकों से 400 से 1 हजार डॉलर तक ठगते थे। उद्योग विहार में चल रहे इस फर्जी कॉल सेंटर पर रेड कर 17 लोगों को अरेस्ट किया गया है। इनके खिलाफ उद्योग विहार थाना में गुरुवार सुबह ठगी व आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड को सूचना मिली कि उद्योग विहार फेज-4 के प्लॉट नंबर 309, 310 स्थित बिल्डिंग में पहली, दूसरी व तीसरी मंजिल पर फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है।

स्क्वॉड के डीएसपी इंद्रजीत सिंह और एसीपी उद्योग विहार राजीव कुमार की देख-रेख में टीम तैयार कर कंपनी में पहुंच रेड की गई। साइबिज कॉर्प नाम से ये बिल्डिंग थी। यहां पहली मंजिल पर 28 युवक और 13 युवतियां, दूसरी मंजिल पर 47 युवक व 14 युवतियां और तीसरी मंजिल पर 31 युवक व 16 युवतियां मौजूद थे। सभी हेडफोन लगाकर अंग्रेजी में बात कर रहे थे। सभी के सामने कंप्यूटर सिस्टम रखे थे। पुलिस टीम ने यहां के फोटो क्लिक करने के साथ ही विडियो भी बनाई। यहां कॉल सेंटर से संबंधित जरूरी दस्तावेज जैसे कंपनी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, डीओटी लाइसेंस, मॉड ऑफ पेमेंट आदि जानकारी मांगी गई लेकिन न तो कोई संतोषजनक जवाब दिया गया और न ही दस्तावेज दिए गए। पुलिस टीम ने मौके से मैनेजर, संचालक व अन्य जिम्मेदार मिलाकर 17 लोगों को अरेस्ट किया।

उद्योग विहार थाने में साजिश के तहत ठगी और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस टीम अब मामले में कार्रवाई कर रही है।

– इंद्रजीत सिंह,डीएसपी

इस तरह ठगते थे:
यहां बीते 4 महीने से फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। यहां के मैनेजर व संचालक यूएस व कनाडा के नागरिकों का डेटा खरीदकर उनके सिस्टम पर पॉपअप मैसेज भेजते थे। मेसेज में लिखा होता था कि आपके सिस्टम में वायरस या अन्य गड़बड़ी है। इसके लिए खुद को माइक्रोसॉफ्ट की टेक्निकल सपोर्ट टीम से बताकर मदद की पेशकश करते। जो लोग मदद मांगते उन्हें सिस्टम से वायरस या अन्य टेक्निकल दिक्कत हटाने के नाम पर 400 से 1 हजार डॉलर की मांग करते। जबकि असल में सिस्टम में कोई वायरस या टेक्निकल दिक्कत नहीं होती थी। 500 से 1 हजार डॉलर के गिफ्ट कार्ड खरीदकर उनके कोड इन लोगों को बता देते थे। ये कोड यहां का सुपरवाइजर संचालक को देता था। जिसे वो अपने परिचितों के जरिये कैश करा लेता था। कॉल सेंटर में काम करने वाले करीब 150 लोगों को सेलरी के अलावा सेल पर कमिशन भी दिया जाता था। जो जितने रुपये कमा के देता, उसे उस पर कमिशन दिया जाता।

ये हुआ बरामद:
टीम ने कॉल सेंटर से 6 लैपटॉप, 3 कंप्यूटर, 18 मोबाइल, 1 पेन ड्राइव, 22 लाख 50 हजार 600 रुपये नकद जब्त किये हैं। टीम ने यहां से 17 लोगों को अरेस्ट किया है। जबकि फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी फरार बताया जा रहा है। पुलिस टीम उसे अरेस्ट करने के प्रयास कर रही है।

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