गोपालगंज उपचुनाव में उन 11 वोटों की कहानी, जो प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कर देते हैं, जानिए

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गोपालगंज उपचुनाव में उन 11 वोटों की कहानी, जो प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कर देते हैं, जानिए

गोपालगंज उपचुनाव में उन 11 वोटों की कहानी, जो प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कर देते हैं, जानिए

गोपालगंज : बिहार विधानसभा की गोपालगंज सीट पर उपचुनाव हो रहा है। मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। बीजेपी की ओर से स्व. सुभाष सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी चुनाव मैदान में हैं। वहीं महागठबंधन की ओर से मोहन प्रसाद गुप्ता ताल ठोक रहे हैं। बसपा की ओर से साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव मैदान में हैं। हालांकि इस सीट पर एआईएमआईएम ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है, लेकिन नॉमिनेशन में किन्हीं गलतियों की वजह से उन्हें पार्टी का सिंबल नहीं मिल सका है। मुकाबला त्रिकोणीय बताया जा रहा है। इस बीच चर्चा गोपालगंज के वोटरों को लेकर शुरू हो गई है। प्रत्याशी उन खास 11 वोटों को अपने पाले में करना चाहते हैं। जिनके बारे में कहा जाता है कि वो 11 वोट जिसे मिलते हैं, वहीं विजयी होता है।

त्रिकोणीय है मुकाबला
गोपालगंज के स्थानीय पत्रकारों में चर्चा है कि नीतीश और लालू के साथ आने का असर उपचुनाव पर दिख रहा है। महागठबंधन के साथ अति पिछड़ा वोट जुड़ता दिखने लगा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि मुख्य लड़ाई बीजेपी और महागठबंधन के बीच है। वहीं, दूसरी ओर सियासी गलियारे में ये भी चर्चा है कि पहले यादव विरादरी खुलकर साधु यादव के समर्थन में रहती थी। इस बार यादव तेजस्वी की ओर देखने लगे हैं। साधु ने खुले तौर पर कह दिया है कि लालू परिवार का वर्षों से जिले से नाता नहीं है। उन्होंने सांसद और विधायक रहते इलाके में ज्यादा काम किया है।

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वोटर साधने में जुटे प्रत्याशी
सभी दलों के प्रत्याशी वोटरों को साधने में जुटे हैं। आपको बता दें कि गोपालगंज सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या 65 हजार है। महागठबंधन पहले मुस्लिम प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा था। इस बार मोहन प्रसाद गुप्ता पर दांव लगाया है। हालांकि, इन वोटरों को राजद का परंपरागत वोटर माना जा रहा है। ये वोट राजद और साधु यादव के समर्थन में दो भाग में बंट जाएंगे। इस बार सवर्ण वोटर भी जीत में मुख्य भूमिका निभाने वाले हैं। मुस्लिम वोटरों के बाद राजपूत वोटरों की संख्या ज्यादा है, वे करीब 49 हजार हैं, जो किसको समर्थन करेंगे ये स्पष्ट नहीं है।

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यादव करेंगे साधु को समर्थन
एमवाई समीकरण को साधने वाली राजद के अपनी जाति यादव वोटरों की संख्या 47 हजार है। यादव वोट विधानसभा सीट का विक्टरी फैक्टर है। वहीं वैश्य वोटर भी 38 हजार हैं, जो मोहन प्रसाद गुप्ता के साथ जाएंगे, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। इस क्षेत्र में कोइरी-कुर्मी वोटर भी करीब 16,000 की संख्या में हैं। जो जेडीयू को समर्थन करते रहे हैं, इस बार नीतीश और तेजस्वी के साथ आ जाने से वे महागठबंधन का समर्थन करेंगे।

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11 वोटों की कहानी
सबसे अंत में हम आपको बता रहे हैं उन वोटरों की कहानी, जिनका वोट पाने के लिए सभी दलों के प्रत्याशी लालायित रहते हैं। ये वोटर थर्ड जेंडर यानि किन्नर हैं। इनके वोटों को प्रत्याशी शुभ आशीर्वाद मानते हैं। प्रत्याशियों का मानना है कि इनका वोट जिधर जाता है, जीत उधर के प्रत्याशी की ही होती है। इनका वोट अंत तक पता नहीं चलता कि किसको जा रहा है। प्रत्याशी इनकी वोट के लिए काफी मेहनत करते हैं। बार-बार इनसे मुलाकात करते हैं। उसके बाद काफी मशक्कत के बाद इनका वोट किसी प्रत्याशी की झोली में जाता है। ये हैं गोपालगंज के किन्नर वोटर। जिनकी संख्या 11 है। ये 11 वोट इस बार के विधानसभा उपचुनाव में किसकी झोली में जाएंगे, ये तो अभी भविष्य की गर्त में है। हालांकि, इन वोटों को पाने के लिए प्रत्याशी अभी से प्रयासरत हैं।

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