डोकलाम और गलवान में जैसा हुआ उसे हम रोकने में सक्षम, रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने स्टैंडिंग कमिटी को दिया भरोसा

111

डोकलाम और गलवान में जैसा हुआ उसे हम रोकने में सक्षम, रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने स्टैंडिंग कमिटी को दिया भरोसा

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) की तरफ से संसद की रक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमिटी को बुधवार को बताया गया कि भारत की फौज चीन की तरफ से किसी भी गलत हरकत को रोकने में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने स्टैंडिंग कमिटी से कहा कि डोकलाम और गलवान (Doklam And Galwan) में जैसा हुआ उसे रोकने में हम सक्षम हैं। साथ ही यह भी दिखा सकते हैं कि अगर कोई छेड़खानी की तो हमारा जो रिएक्शन होगा वह उनके लिए ठीक नहीं होगा। स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई।

आर्मी, नेवी, एयरफोर्स को अनुमान के मुताबिक नहीं मिला बजट
रिपोर्ट के मुताबिक स्टैंडिंग कमिटी ने कहा कि 2016-17 से रक्षा मंत्रालय तीनों सर्विस (Army, Navy And Air Force Budget) के लिए जितना बजट अनुमान या संशोधित अनुमान दिखा रहा है उतना उन्हें नहीं दिया गया। कमिटी ने कहा कि 2022-23 के बजट अनुमान में जो प्रोजेक्ट किया गया और जो अलॉट किया गया उसमें काफी गैप है। आर्मी के लिए यह गैप 14729.11 करोड़ रुपये, नेवी के लिए 20031.97 करोड़ रुपये और एयरफोर्स के लिए 28471.05 करोड़ रुपये है, जो काफी ज्यादा है। कमिटी ने कहा कि कमिटी का मानना है कि मौजूदा स्थिति में जब हमारे बॉर्डर पर भारी तनाव है, यह रक्षा की तैयारियों के लिए ठीक नहीं है। हमारी तैयारी उनके(पड़ोसी देश) जितनी या उनसे बेहतर होनी चाहिए ताकि हम युद्ध की स्थिति में जीत सके और अपने देश की प्रतिरोध क्षमता बढ़ा सकें।

‘चीन का थ्रेट सिनेरियो काफी बड़ा है’
2021-22 वित्त वर्ष में एयरफोर्स को अनुमानित राशि की जगह कम राशि देने पर किए गए सवाल का जवाब देते हुए रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने बताया कि चीन कितना ज्यादा खर्च कर रहा है।
रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने स्टैंडिंग कमिटी को बताया कि “सबको पता है कि चीन कितना खर्च कर रहा है। उसका थ्रेट सिनेरियो काफी बड़ा है। वह दरअसल यूएस से मुकाबला कर रहा है कि वह उससे आगे निकल जाए। रक्षा मंत्री के निर्देश हैं कि चीन के विरुद्ध हम इतने शक्तिशाली हो कि हम उसे डिटर (प्रतिरोध) करें। हमारे देश का ऐसा इरादा नहीं है कि हम जाकर उनसे खुद ही लड़ाई शुरू कर दें। डिटरेंस के लिए तीनों फौजों की जितनी क्षमता चाहिए उस हिसाब से सरकार बजट दे रही है। कुछ कमियां हैं और कुछ क्रिटिकेलिटीज हैं जो धीरे धीरे कम होती जाएंगी।”

‘बजट देते समय कमी न रखे मंत्रालय’
रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने कहा कि मैं आपको यह आश्वासन देता हूं कि जैसा डोकलाम या गलवान में हुआ हम उनका प्रतिरोध तो कर ही सकते हैं, साथ ही यह दिखा सकते हैं कि अगर कोई छेड़खानी की तो हमारा जो रिएक्शन होगा वह उनके लिए ठीक नहीं होगा। मुझे लगता है कि यही हमें सरकार से दिशानिर्देश मिले हैं। स्टैंडिंग कमिटी ने सुझाव दिया कि आने वाले सालों में जो डिमांड हो, मंत्रालय को बजट देते समय उसमें कमी नहीं करनी चाहिए।



Source link