तबलीगी जमात पर सऊदी अरब के बैन के फैसले पर भड़का दारुल उलूम, जमात बोला-आतंक से हमारा रिश्ता नहीं

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तबलीगी जमात पर सऊदी अरब के बैन के फैसले पर भड़का दारुल उलूम, जमात बोला-आतंक से हमारा रिश्ता नहीं

हाइलाइट्स

  • सऊदी अरब के तबलीगी जमात पर बैन के फैसले पर भड़का दारुल उलूम देवबंद
  • जमात ने भी कहा कि उसका आतंकवादी गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है
  • सऊदी ने जमात को आतंक का द्वार बताते हुए उसपर बैन लगा दिया था

अरशद अफजल खान, अयोध्या
सऊदी अरब (Saudi Arabia News) के तबलीगी जमात (Tabligi Jamaat) को ‘आतंक का द्वार’ बताकर बैन करने के फैसले पर विरोध होना भी शुरू हो गया है। जमात और दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) ने सऊदी के फैसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसका विरोध किया है।

‘जमात को बदनाम करने की साजिश’

दोनों संगठनों ने इस फैसले के पीछे पश्चिमी साजिश बताते हुए पवित्र संगठन को बदनाम करने का षडयंत्र बताया। जमात ने सऊदी के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इस निर्णय के पीछे पश्चिम की प्रभावशाली ताकत है, जो रियाद का मुस्लिम उम्मा (Muslim Ummah) से रिश्ते खत्म करवाने की कोशिश है।

जमात बोला- हमारा आतंकवाद से कोई रिश्ता नहीं
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के प्रवक्ता समीरूद्दीन कासमी ने अपने सदस्यों को पवित्र बताते हुए कहा उन्होंने पथ से भटके मुसलमानों को सुधारा और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक रक्षा कवच की तरह काम किया। उन्होंने लंदन से जारी वीडियो मैसेज में कहा, ‘तबलीगी जमात के खिलाफ बिना सबूत के आरोप लगाए जा रहे हैं। हमारा आतंकवाद से कोई रिश्ता नहीं है। सच तो ये है कि हम आतंकवाद को रोकते और निंदा करते हैं। हम अपने सदस्यों को किसी धर्म, देश या समुदाय के खिलाफ बोलने की इजाजत नहीं देते हैं। हम इस्लाम के 5 स्तंभों पर फोकस करते हैं। हमारा कोई सदस्य किसी भी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं रहा है।

जमात से अलग हुए शूरा (Shura) के सदस्य मोहम्मद मियां ने कहा, ‘हमारी जमात पूरी दुनिया यहां तक कि सऊदी अरब में भी काम कर रही है। हम मुसलमानों को मोहम्मद साहब के रास्ते पर लाते हैं। शूरा बैन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा लेकिन सऊदी में निर्भय होकर काम करते रहेंगे।’

दारुल उलूम देवबंद भी सऊदी के फैसले से भड़का
दारुल उलूम देवबंद ने भी सऊदी सरकार के फैसले की निंदा की है। मौलाना अब्दुल कासिम नोमनी ने सऊदी अरब को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे इस गलत फैसले से दूर रहना चाहिए और जमात पर से बैन हटाना चाहिए। इससे पूरी दुनिया के मुसलमानों में गलत संदेश जाएगा।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए मुस्लिम एक्टिविस्ट जफर सरेशवाला (Zafar Sareshwala) ने कहा, ‘मैं सऊदी के फैसले से अचंभित हूं। यह संगठन जिहादी विचारधारा को खारिज करता है।’



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